आजम खान की आपत्तिजनक टिप्पणी पर भड़कीं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कहा- मानसिक रूप से बीमार होते हैं ऐसे लोग
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नई दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद आजम खान द्वारा संसद में दी गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि आजम खान ने अपने इस बयान से शालीनता की सभी सीमाएं पार कर दी हैं. उनके इस बयान के बाद लगता है कि वह मानसिक रूप से बीमार हैं. सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा कि आजम खान इस तरह के बयानों के लिए ही जाने जाते हैं. उनका हालिया बयान बताता है कि वह मानसिक रूप से बीमार हैं. उन्होंने सदन में सभापति को संबोधित करते हुए जो भी टिप्पणी की वह संसदीय मर्यादा के खिलाफ है. मुझे लगता है कि उन्हें इस बयान के लिए कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
गौरतलब है कि आजम खान के इस बयान को लेकर कई अन्य महिला सासंदों ने भी अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है.लोकसभा में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा सहित सभी दलों ने गुरूवार को पीठासीन सभापति रमा देवी के बारे में आजम खान की टिप्पणी की पार्टी लाइन से हटकर कड़ी निंदा की और स्पीकर से इस मामले में कठोर कार्रवाई करने की मांग की. इस मामले पर शून्यकाल में निचले सदन में विभिन्न दलों की महिला सांसदों समेत दलों के नेताओं ने अपनी बात रखी. महिला सांसदों ने स्पीकर से ऐसी कार्रवाई करने की मांग की जो ‘नजीर’ बन सके.
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विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि या तो आजम खान इसके लिए माफी मांगे या उन्हें निलंबित कर दिया जाए. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विभिन्न दलों के नेताओं एवं सदस्यों की इस मुद्दे बात सुनने के बाद अंत में कहा कि वह सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक कर इस बारे में कोई निर्णय करेंगे. लोकसभा सदस्य आजम खान के आचरण पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यह पुरुषों समेत सभी सांसदों पर ‘‘धब्बा” है. इस घटना से पूरा सदन शर्मसार हुआ है. अगर ऐसी घटना सदन के बाहर होती तो पुलिस से संरक्षण मांगा जाता. उन्होंने कहा था कि आप ऐसा कुछ करके, बच कर नहीं जा सकते . यह सिर्फ महिला का सवाल नहीं है. आप ऐसी कार्रवाई करें कि दोबारा ऐसी बात कहने की कोई हिम्मत न कर सके.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि कल जो घटना हुई वह अत्यंत निंदनीय है. कोई महिला बड़ी कठिनाई से ऐसे पद तक पहुंचती है और उसे ऐसा अपमान सहना पड़े यह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा था कि हमें राजनीतिक सरोकारों से परे हटकर और एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए और सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. एनसीपी की सुप्रिया सुले ने कहा कि कल की घटना के बाद सिर शर्म से झुक गया है. अगर इस पर सही कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाली पीढ़ी माफ नहीं करेगी. उन्होंने कहा था कि हम उम्मीद करते हैं कि आप कार्रवाई करें, सख्त से सख्त कार्रवाई करें तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि यह ऐसी घटना है जो निंदनीय है. महिला के प्रति चाहे शब्द से या कृत्य से किसी तरह का असम्मान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा था कि 14 वर्ष वनवास के दौरान लक्ष्मणजी ने सीताजी का मुख नहीं देखा. कल जो बात कही गई उससे महिलाओं की भावना आहत हुई है. जो हुआ वह अच्छा नहीं था. इस पर कार्रवाई हो|
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कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने भी इस घटना का गलत बताया और कहा कि इस बारे में संसद की आचार समिति या विशेषाधिकार हनन समिति है, वह चर्चा करें. द्रमुक की कनिमोई ने कहा कि चाहे हम इधर बैठे हों या उधर बैठे हों लेकिन कल जो घटना घटी उससे सदन का अपमान हुआ है. उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने की मांग की. बीजद के भतृहरि माहताब ने कहा कि सदन में स्पीकर को पूरी शक्ति दी गई है. आप चाहे तो विभिन्न दलों के नेताओं से चर्चा कर सकते हैं. यह घटना माफ करने योग्य नहीं है. आपने सदस्य से से बार बार खेद प्रकट करने को कहा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा था कि इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई हो.
गौरतलब है कि लोकसभा में तीन तलाक पर रोक लगाने के प्रावधान वाले विधेयक पर चर्चा के दौरान गुरुवार को उस समय विवाद की स्थिति बन गयी जब पीठासीन सभापति रमा देवी को लेकर समाजवादी पार्टी नेता आजम खान की एक टिप्पणी पर भाजपा सदस्यों ने जोरदार विरोध जताया और उनसे माफी की मांग की थी. आजम खान जब ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019′ पर सदन में हो रही चर्चा में भाग ले रहे थे तो पीठासीन सभापति रमा देवी ने उनसे आसन की ओर देखकर बोलने को कहा. इस पर खान ने कुछ ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी की जिस पर बीजेपी के सदस्यों ने जोरदार विरोध किया. पीठासीन सभापति रमा देवी भी कहते सुनी गयीं कि यह बोलना ठीक नहीं है और इसे रिकॉर्ड से हटाया जाना चाहिए. उन्होंने इसके लिए आजम खान से माफी मांगने को भी कहा.