लखनऊ में डॉक्टरों की हड़ताल ने सबको छकाया
लखनऊ नैशनल मेडिकल कमिशन बिल के विरोध में इंडियन मेडिकल असोसिएशन के बैनर तले बुधवार को शहर की ज्यादातर निजी क्लिनिक और अस्पतालों की ओपीडी बंद रही। केजीएमयू और लोहिया संस्थान में रेजिडेंट डॉक्टर भी कार्य बहिष्कार पर रहे। इस कारण दोनों संस्थानों की ओपीडी में मरीज परेशान होते रहे।
उधर, सरकारी अस्पतालों में भीड़ बढ़ने से इलाज के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा। एनएमसी बिल का विरोध कर रहे केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टरों ने न्यू ओपीडी ब्लॉक के बाहर सीढ़ियों पर ही प्रदर्शन शुरू कर दिया। मरीजों के आने-जाने के लिए सिर्फ एक रैंप छोड़ा। ऐसे में मरीज ओपीडी के बाहर ऐम्बुलेंस और रिक्शों पर एक-एक घंटे इंतजार कर रहे।
अमेठी निवासी कुलदीप की मां मुन्नी को लकवा मार गया था। वह उन्हें लेकर 11 बजे न्यू ओपीडी पहुंचे, लेकिन ओपीडी के भीतर जाने और स्ट्रेचर लाने का रास्ता ही नहीं था। ऐसे में उन्हें भीतर पहुंचने में एक घंटे लग गए। इसी तरह लालकुआं से अपने पिता रफीउल्ला को लेकर आए अब्दुल समी को भी एक घंटे इंतजार करना पड़ा।
इसके बाद डॉक्टर ने दवाएं तो लिखीं, भर्ती नहीं किया। आंबेडकर नगर निवासी कैलाशी को लिवर समेत कई दिक्कतें हैं। कैलाशी को लेकर आए उनके बेटे ब्रजेश ने बताया कि उनकी हालत भर्ती करने वाली है, लेकिन काफी मशक्कत के बाद डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने दवाएं लिख दीं और भर्ती करने के लिए दो दिन बाद आने को कहा।