कश्मीर में महबूबा मुफ्ती के ‘मिशन मिडनाइट’, को लेकर कश्मीर घाटी में मची हल्चल
जम्मू-कश्मीर को लेकर नेताओं मे अज़ीब सी उलझन और बेचैनी है. कश्मीर घाटी के नेताओं की आंखों की नीद गायब हो गयी है़ कश्मीर घाटी के नेताओं में ऐसी अज़ीब सी बेचैनी है कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने देर रात को नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला से मुलाकात की और घाटी के दूसरे नेताओं के साथ राज्यपाल से भी मिलने पहुंचीं.
कश्मीर मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के दिमाग में कौन सा प्लान चल रहा है दरअसल, कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर सुरक्षाबलों की तैनाती ने महबूबा मुफ्ती समेत घाटी के दूसरे नेताओं की आखो नींद उड़ा दी है. उन्हें आशंका है कि घाटी में कुछ बड़ा होने वाला है. महबूबा मुफ्ती ने रात को ही सज्जाद लोन और राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की.
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमने राज्यपाल सत्यपाल मलिक जी से मुलाकात की और उनसे अफवाहों को दूर करने का अनुरोध किया, जिसकी वजह से घाटी में दहशत का माहौल बना हुआ है.
दरअसल, आतंकी खतरे को देखते हुए सरकार ने अमरनाथ यात्रा बीच में रोकने का फैसला किया है. अमरनाथ यात्रियों को घाटी छोड़ने की सलह दी गई.है वहीं सुरक्षाबलों की कश्मीर घाटी में मौजूदगी तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में कश्मीर घाटी की सियासी पार्टियों की सांसें ऊपर नीचे होने लगी हैं.
अब सवाल यह उठता है कि आखिर कश्मीर घाटी में ऐसा मौहाल बना क्यों घाटी की सियासी पार्टियां इतनी बेचैन क्यों हैं। दरअसल, बीजेपी की कश्मीर नीति महबूबा मुफ्ती और फारुक अब्दुल्ला अच्छी तरह जानते हैं लेकिन हाल में घाटी में सुरक्षाबलों की बड़े पैमाने पर तैनाती से अफवाहों को नए पंख मिल गए हैं. बड़े पैमान पर कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों की तेजी से बढ़ती मौजूदगी ने वहां के आम लोगों की बेचैनी भी बढ़ा दी है.
वहीं राज्यपाल मलिक ने नेताओं को शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी है. राज्यपाल ने राजनीतिक नेताओं से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर भरोसा ना करने की बात कही.
अमरनाथ यात्रा को लेकर खुफिया सूचना के हवाले से आतंकवादी खतरे की आशंका जताते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुक्रवार को एक एडवाइजरी जारी की. इसमें पर्यटकों और अमरनाथ तीर्थयात्रियों को घाटी से जल्द से जल्द वापस लौटने की सलाह दी गई. जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने यह एडवाइजरी जारी की. एडवाइजरी में कहा गया कि आतंकवादी धमकी के इंटेलीजेंस इनपुट, खास तौर से अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाए जाने और कश्मीर घाटी की सुरक्षा को देखते हुए अमरनाथ यात्रियों को घाटी से जल्द से जल्द लौटने के निर्देश दिए गये है इंटेलीजेंस इनपुट के मद्देनजर कश्मीर में पहले ही 10 हजार से ज्यादा अर्धसैनिक बल पहुंच चुके हैं.