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सांप का नाम सुनते ही क्यों दौड़ पड़े आदित्य

लखनऊ,  सांप देखते ही लोगों में दहशत का माहौल देखने को मिलता  हैं। दिल तेजी से धड़कने लगता है और हर कोई किसी भी तरीके से सांप को मारकर खुद की जान बचाने की कोशिक करता  है। लेकिन, राजधानी में एक युवक ऐसा  है, जिसने सांपों को बचाने की मुहिम छेड़ दी  है। भले ही आधी  रात में ही सांप निकलने की सूचना क्यों न मिले  , लेकिन आशियाना निवासी आदित्य हिचकिचाते नहीं हैं और रेस्क्यू के लिए दौड़ पड़ते हैं।

 

 

 


आदित्य खुद एक इवेंट कंपनी चलाते है  हैं और प्रोफेशनल तौर पर फोटोग्राफर भी हैं, लेकिन सांपों से उन्हें बेहद लगाव है। आदित्य बताते हैं कि अब तक उन्होंने करीब 12 सौ से अधिक सांपों को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा है। जब भी कोई सांप निकलने की सूचना फोन पर देता है तो सारा काम छोड़कर रेस्क्यू करने पहुंच जाता हूं।

 

 

 

 


 आदित्य ने बताया जब  मैं नौवीं कक्षा में  पढ़ता था तब घर में एक छोटा सांप निकल आया | आसपास कोई नहीं था तो मैंने मोजे से उसे पकड़ लिया और बाहर छोड़ दिया | इसकी जानकारी जब पिताजी को मिली तो बहुत डांट सुननी पड़ी थी। उस वक्त से शुरू हुआ साप को बचाने का यह  सिलसिला और अभी  तक जारी है।

 

 

 

वर्ष 2012 में पेड़ पर एक पाइथन निकल आया था। जानकारी मिलने  पर वन विभाग की टीम वहां पहुंची  लेकिन कोई उसे काबू नहीं कर पा रहा था। वहां से गुजर रहे आदित्य ने तब पाइथन को काबू कर वन विभाग को सौंपा था। इस घटना के बाद से आदित्य वन विभाग के संपर्क में आ गए और अब वन विभाग की टीम भी अक्सर उनसे रेस्क्यू में सहयोग लेती है। आदित्य सोसाइटी ऑफ ह्यूमैनिटी एंड नेचर के नाम से एक संस्था भी चलाते हैं, जो इस तरह के रेस्क्यू में सहयोग करती है।

 

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