वर्ष 1950 से अबतक वैश्विक स्तर पर 8.3 से 9 अरब मीट्रिक टन प्लास्टिक का उत्पादन हो चुका है जो कचरे के चार से अधिक माउंट एवरेस्ट के बराबर है।
आज भारत समेत दुनिया के तमाम देश प्लास्टिक के कचरे से परेशान हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम में नागरिकों से प्लास्टिक के खिलाफ जन आंदोलन का आह्वान किया है। वर्ष 1950 से अबतक वैश्विक स्तर पर 8.3 से 9 अरब मीट्रिक टन प्लास्टिक का उत्पादन हो चुका है, जो कचरे के चार से अधिक माउंट एवरेस्ट के बराबर है। अब तक निर्मित कुल प्लास्टिक का लगभग 44 फीसद वर्ष 2000 के बाद बनाया गया है। वहीं भारत में प्रतिदिन 9 हजार एशियाई हाथियों के वजन जितना 25,940 टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। फिर भी, भारतीय दुनिया के सबसे कम प्लास्टिक उपभोक्ताओं में शामिल हैं। एक भारतीय एक वर्ष में औसतन 11 किग्रा प्लास्टिक का इस्तेमाल करता है।