पाकिस्तान को हुआ अब तक का सबसे बड़ा घाटा: इमरान खान सरकार को बड़ा झटका
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यकाल को एक साल पूरा हो गया है, लेकिन बीते एक साल में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की बात करे तो यह डूबने की कगार पर है. पाकिस्तानी अखबार की वेबसाइट डॉन में छपी खबर के मुताबिक, पिछले एक साल में वित्तीय नुकसान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. यह GDP का 8.9 फीसदी हो गया है |
डॉन की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान की आजादी के बाद अब तक का यह सबसे बड़ा फिस्कल डेफिसिट है. अगर आम भाषा में कहे तो मतलब साफ है कि सरकार की आमदनी घट गई और खर्चों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है||
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान का फिस्कल डेफेसिट देश के कुल घरेलू उत्पाद का 8.9 फीसदी तक पहुंच गया है जबकि पिछले साल यह 6.6 फीसदी था|
इमरान खान की सरकार की नाकामी का यह एक बड़ा सबूत है, क्योंकि सरकार ने खुद बजट घाटा जीडीपी का 5.6 फीसदी तक सीमित रखने का लक्ष्य तय किया था. पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के मुताबिक, सरकार का बजट घाटा तय लक्ष्य से 82 फीसदी बढ़ गया है. भारी-भरकम बजट घाटे की वजह से 2019-20 का बजट दो महीने के भीतर ही अपनी अहमियत खो चुका है|
इमरान खान सरकार ने पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा खर्च किया, लेकिन राजस्व में इस साल 6 फीसदी की गिरावट आई है. पाक वित्त मंत्रालय के मुताबिक, कर्ज और रक्षा बजट पर ही 3.23 ट्रिलियन खर्च हुआ जो सरकारी राजस्व का कुल 80 फीसदी है|
वही अगर बात करे तो सरकार जितना कमाती है. मतलब जो भी पैसा टैक्स उससे ज्यादान टैक्स पर खर्च कर देती है. कमाई कम और ज्यादा खर्च के बीच जो अंतर आता है, उसे वित्तीय घाटा कहते हैं|