राजधानी लखनऊ के पीजीआई हॉस्पिटल में डॉक्टर की सलाह से ज्यादा ओपीडी का पंजीकरण कराना कठिन हो गया है।अब पंजीकरण करने के लिए मरीजों को फुटपाथ पर रात गुजारनी पड़ रही है। ओपीडी ब्लॉक से लेकर आधा किलोमीटर दूर तक लेट व बैठकर इंतजार करने को मजबूर मजबूर हैं। रात करीब ढाई बजे न्यू ओपीडी ब्लॉक के बाहर सैकड़ों की संख्या में मरीज व तीमारदार लाइन से लेटे दिखे । उमस से मरीज परेशान है । कोई घास पर लेटकर अपनी बारी का इंतजार कर रहा तो कोई फुटपाथ पर।
सुबह गेट खुलने पर अपने नम्बर के हिसाब से मरीज लाइन में लग जाते हैं। छह बजे से पंजीकरण शुरू होता है। ज्यादातर ओपीडी आधे घंटे में फुल हो जाती है। हैरानी की बात यह है कि मरीजों की पीड़ा को दरकिनार कर कई विभागों में गिनकर नए मरीज देखे जाते हैं। सैकड़ों की संख्या में मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इलाज न मिलने से मजबूरन दूसरे दिन पंजीकरण के लिए लाइन में लगना पड़ता है
गेस्ट्रो मेडिसिन, नेफ्रोलॉजी समेत दूसरे विभागों में ओपीडी पंजीकरण करने में मरीज को कई दिन लग जाते है । ऐसा तब है कि जब विभागों में डॉक्टर व सीनियर रेजिडेंट की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसके बावजूद मरीजों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है