नियति भी अजीब खेल खेलती है एक ओर राजस्थान जिसे रेगिस्तान का शहर कहा जाता है,वही राजस्थान जहाँ लोग पानी क लिए तरसते थे आज उसी राजस्थान में बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है। भारी बारिश से नदी नाले उफान पर है, स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कोटा बैराज, राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर व माही बजाज के सभी गेटों को खोलना पड़ा । इस कारण कोटा, बूंदी, चित्तौड़गढ़ और झालावाड़ में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीमें मौजूद है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाढ़ प्रभावित सभी ज़िलों के कर्मचारियों के अवकाश निरस्त कर दिए है। मुख्यमंत्री आज हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ का जायज़ा लेने बूंदी, कोटा, झालावाड़ व धौलपुर पहुंचे। कोटा में चंबल नदी का पानी तेज़ी से निचले इलाको में बढ़ रहा है। शहर के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आगये है , जिसे राहत बचाव कार्य की टीम निकालने में लगी हुई है।
चित्तौड़गढ़ के बेगूं में अब तक 1747 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। यहां इतनी बारिश पिछले 50 साल में नहीं हुई है। चित्तौड़गढ़ के मऊपुरा आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में फंसे शिक्षक और बच्चों को बचाने के लिए सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगी हुई हैं।