गांव रामराये के पास मंगलवार की रात में टैंकर और ऑटो में हुई टक्कर में तीन परिवार उजाड़ दिए। हादसे में दस लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हुआ था। मरने वालों में दो सगे भाई थे तो दो युवक इकलौते बेटे थे। वहीं हादसे में जान गंवाने वाले धड़ौली गांव निवासी सुमित के बड़े भाई की मौत आठ-नौ महीने पहले बीमारी के चलते हो गई थी। घर में सुमित की छोटी बहन ही है। बुधवार को दिनभर नागरिक अस्पताल में लोगों चीखें सुनाईं देती रहीं। पिल्लूखेड़ा, बुराडहर, धड़ौली, हाउसिंग बोर्ड, पाजू कलां व भिड़ताना गांव में मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया।
सभी मरने वाले युवक सेना में भर्ती होने के लिए हिसार गए थे। सभी ने हिसार से चलने से पहले अपने-अपने परिजनों को फिजिकल होने की सूचना देते हुए कहा था कि वह सेना में भर्ती हो जाएंगे।
इससे सभी परिवारों में खुशी का माहौल था, लेकिन रात को हादसे की सूचना पाकर सभी परिवारों में मातम का माहौल हो गया। सभी अपने-अपने लाल को पहचानने के लिए नागरिक अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने गांव भड़ताना के पूर्व सरपंच देवेंद्र की शिकायत पर अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
गांव पिल्लूखेड़ा निवासी अमित, भारत, बुराडहैर निवासी मंगल व रोबिन, धड़ौली निवासी सुमित, पाजू कलां निवासी दीपक व संजय, भड़ताना निवासी संजय व परमजीत 23 सितंबर को हिसार में चल रही सेना की भर्ती में गए थे। मंगलवार को दिन में इन सभी युवकों का फिजिकल टेस्ट हुआ। सभी युवक फिजिकल में पास हो गए थे। यह सभी शहर की एक एकेडमी में सेनी की तैयारी के लिए कोचिंग लेते थे, इसलिए सभी एक साथ गए थे।
इन युवकों का शुक्रवार को मेडिकल होना था, इसलिए सभी ने वापस अपने घर आने की ठानी। रात को लगभग सभी युवक आठ बजे हिसार से एक बस में सवार होकर हांसी तक आए। हांसी से जींद तक इनको कोई वाहन नहीं मिला तो उन्होंने हांसी निवासी सोमी उर्फ सोमनाथ का ऑटो किराये पर लिया और जींद के निकल पड़े।
हांसी में ही ऑटो को जींद के हाउसिंग बोर्ड निवासी 50 वर्षीय प्रवीण ने रुकवा लिया और जींद चलने की बात कही। इस पर सभी युवकों ने प्रवीण को भी बैठा लिया। ऑटो में ड्राइवर समेत 11 युवक सवार हो गए। रात साढ़े दस बजे जब यह लोग रामराये गांव से कुछ आगे निकले तो सामने से आ रहे टैंकर ने ऑटो में ज़ोरदार टक्कर मार दी। इसमें सभी गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे के बाद टैंकर चालक टैंकर को छोड़कर तुुुरंत फरार हो गया। सभी को रात को ही नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां पर चिकित्सकों ने अमित, भारत, मंगल, रोबिन, सुमित, दीपक, संजय, संजय, प्रवीण व ऑटो चालक सोमी उर्फ सोमपाल को मृत घोषित कर दिया, जबकि परमजीत को गंभीर हालत में पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया। रात को सभी युवकों की शिनाख्त नहीं हो पाई थी। सुबह तक सभी युवकों की शिनाख्त हुई। पुलिस ने टैंकर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
अन्य थानों से बुलाने पड़े जांच अधिकारी
सदर थाना पुलिस ने गांव भिड़ताना के पूर्व सरपंच देवेंद्र की शिकायत पर मामला दर्ज किया। इसके बाद सभी मृतकों के परिजनों के अलग-अलग बयान दर्ज किए गए। मामला सदर थाना का होने के कारण सारी पुलिस कार्रवाई सदर थाना को ही करनी थी, लेकिन जांच अधिकारियों की कमी को देखते हुए शहर थाना, सिविल लाइन थाना के अलावा अन्य थानों से भी जांच अधिकारी बुलाए गए। एक साथ सभी दस मृतकों की कागजी कार्रवाई पूरी की गई।
शवगृह में नहीं थी शव रखने की जगह
नागरिक अस्पताल के शवगृह में एक साथ दस शव रखने की जगह नहीं थी। जिसकी वजह से एक स्ट्रेचर पर दो तो किसी पर तीन शव रखे गए थे। नागरिक अस्पताल में डी-फ्रिज की कोई सुविधा नहीं है, इसलिए सुबह तक शवों की हालत काफी खराब हो चुकी थी तथा पूरा शवगृह बदबू मार रहा था। अपने-अपने बच्चों की शिनाख्त करने के लिए आए परिजनों को यहां काफी परेशानी हुई। मृतकों की छाती पर फिजिकल में लगाए नंबर ज्यों के त्यों नजर आ रहे थे।
चार चिकित्सकों ने किए पोस्टमार्टम
हादसे की कागजी कार्रवाई करने के लिए जिस प्रकार पुलिस ने अन्य थानों से जांच अधिकारियों की नियुक्ति की थी, उसी प्रकार अस्पताल प्रशासन ने भी पोस्टमार्टम के लिए चार चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई थी। आमतौर पर पोस्टमार्टम के लिए एक ही चिकित्सक की ड्यूटी होती है, लेकिन एक साथ दस शव होने के कारण नागरिक अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए डॉ. संजय दहिया, डॉ. आरएस पूनिया, डॉ. संतलाल, डॉ. सुषमा लता की ड्यूटी लगाई गई थी। इसके बाद भी पोस्टमार्टम में काफी समय लग गया। एक-एक करके चिकित्सक पोस्टमार्टम करते हुए और शव परिजनों को सौंपते गए। नागरिक अस्पताल से अंतिम शव ऑटो चालक सोमनाथ का लगभग तीन बजे निकला।