‘जॉनी’ को पुलिस से हो गई थी नफरत,गांव में पिटाई और थाने में अपमान के बाद ठान ली बदले की जिद
एक लाख का इनामी बदमाश जॉनी ने पुलिस के सामने ही खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।दस दिन के भीतर ही उसने बिजनौर पुलिस की नाक में दम कर डाला था।हर जगह पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए चौकन्नी थी लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ सका।
कुख्यात जॉनी के दिल में पुलिसवालों के प्रति इस कदर नफरत घर कर गई थी कि उसने पुलिस के हाथ लगाने से पहले ही खुद को गोली मार ली।दरअसल,वह पुलिस थाने में एक साल पहले किए गए अपमान को भूल नहीं पाया था।
उसे गाँव में सरेआम नंगा करके पीटा गया था।इसके बाद थाने में भी समझौते के दौरान नीचे बैठाकर उसका अपमान किया गया था।जॉनी ने तभी से ठान ली थी कि एक दिन वह इसका बदला जरूर लेगा और मौका मिलते ही उसने लगातार तीन हत्याओं की वारदात कर डालीं।
जॉनी को अच्छी नहीं लगी की बढ़ापुर के भाजपा नेता भीम सिंह के पुत्र राहुल ने अनुसूचित जाति की लड़की से शादी की थी।जॉनी ने एक साल पहले राहुल को खूब बुरा भला कहा।दोनों में मारपीट हो गई।गांव वालों की मानें तो राहुल के पिता भीम सिंह,भाई श्याम सिंह समेत परिवार के अन्य सदस्यों ने जॉनी को गांव में घेर लिया और उसे बुरी तरह पीटा।इतना ही नहीं सरेआम नंगा करके उसकी पिटाई की गई।
थाने में जब इस मामले पर समझौता हुआ तो बाकी सब लोग कुर्सी पर बैठे थे लेकिन जॉनी को नीचे बैठाया गया।समझौते में जनप्रतिनिधि भी शामिल थे।तब से खुद को अपमानित महसूस कर बदला लेने के लिए वह मौका तलाश रहा था।कई गांव वालों से भी वह यह कहता था कि बदला जरूर लूंगा।इसी साजिश से राहुल व कृष्णा को दावत के बहाने जंगल में बुलाकर उसने हत्या की।जॉनी को अगर गांव में अपमानित न किया जाता तो शायद वह बदला लेने के लिए हथियार नहीं उठाता।
महज दस दिन में 26 सितंबर के बाद से 5 अक्तूबर तक अश्वनी उर्फ जॉनी अपराध की दुनिया का खतरनाक नाम बन गया था।उसने तीन हत्याएं की।तीनों लोगों की हत्या करते समय कुल 13 गोलियां बरसाईं।जॉनी ने 26 सितंबर को राहुल व कृष्णा को मौत के घाट उतारा।30 सितंबर को नितिका को मार डाला।
चार साल से जॉनी दिल्ली में रह रहा था।एक साल पहले बढ़ापुर आया तो राहुल से विवाद हो गया।तभी से वह बदले की आग में जलने लगा।अब तीन माह पहले जॉनी ने बढ़ापुर में पूरी तरह डेरा डाल दिया था और दुश्मनों से बदला लेने की ठान ली थी।