2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर अखिलेश यादव का आया अबतक का सबसे बड़ा बयान
2019 लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को एलान किया कि समाजवादी पार्टी यूपी में वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। किसी भी दल से चुनावी गठबंधन नहीं होगा। सपा अपने काम और जनता के लिए किए जा रहे संघर्षों के बल पर चुनाव मैदान में उतरेगी और जनादेश प्राप्त कर अगली सरकार बनाएगी। भाजपा को जनता 2022 में सत्ता से बेदखल करने का मन बना चुकी है। वे पार्टी मुख्यालय में विभिन्न जिलों से आए कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
अखिलेश यादव ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह बर्बाद हो गई है। नोटबंदी-जीएसटी जैसे फैसलों से जनता और व्यापारी त्रस्त हैं। उद्योगधंधे बंद हो रहे है, बाजार में मंदी है। हर रोज नौजवान रोटी-रोजगार से वंचित किए जा रहे हैं। रुपये की साख लगातार गिरती जा रही है।
प्रदेश सरकार कर्ज लेकर अपने झूठे कामों का ढोल पीट रही है। भाजपा की गलत नीतियों से यूपी विकास की दौड़ में पिछड़ता जा रहा है। किसानों की आय दोगुनी तो छोड़िए, वे अब भी कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं। शिक्षामित्र बेरोजगारी के चलते जान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों से देश में लोकतंत्र को खतरा है। प्रदेश सरकार गरीबों, पिछड़ों और एससी/एसटी के साथ अन्याय कर रही है। सरकार अपराधियों को सजा क्या देगी जब वह खुद उनके साथ है। जनता लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रही हैं। देश के स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और आदर्शों की उपेक्षा से आजादी खतरे में पड़ सकती है। जनता ही इस लड़ाई को जीत में बदल सकती है। सपा और जनता का परस्पर भरोसा है।
निर्दोर्षों का एनकाउंटर, गरीब की सुनवाई नहीं।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि शांति व्यवस्था की बदहाल स्थिति के चलते प्रदेश में न तो उद्योग लग रहे हैं और न ही निवेश आ रहा है। पुलिस निर्दोषों का एनकाउंटर कर रही है। गरीब की कहीं सुनवाई नहीं है। दुष्कर्म के मामलों में यूपी शीर्ष पर है।
भाजपा प्रदेश में आतंकवाद का माहौल बनाकर राज कर रही है। असहमति उसे बर्दाश्त नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का भी मानना है कि यूपी में अराजकता व्याप्त है। स्वास्थ्य और शिक्षा में भी राष्ट्रीय औसत से यूपी की ग्रोथ कम है।