सरकारी बैंको के मुकाबले प्राइवेट बैंक ने किया 503 करोड का ज्यादा मुनाफा
देश के एक प्राइवेट बैंक का कुल मुनाफा 17 सरकारी बैंकों के कुल मुनाफे से ज्यादा है। प्राइवेट बैंक का नाम बंधन बैंक है और यह चार साल पहले ही शुरू हुआ है। कैपिटलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक बंधन बैंक ने इस वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में यह मुकाम हासिल किया है। बैंक ने अपने अकेले के दम पर 972 करोड़ रुपए का मुनाफा किया है।
वहीं 17 सरकारी बैंकों ने सामान अवधि में कुल 466.4 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया है। बैंक ने पिछले साल इसी अवधि के दौरान 487.65 करोड़ रुपए के मुनाफा दर्ज किया था। उपलब्धि हासिल करने के बाद बंधन बैंक का सकल एनपीए अनुपात 1.29 प्रतिशत से बढ़कर 1.76 प्रतिशत हो गया है। हालांकि, नेट एनपीए पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 0.69 प्रतिशत की तुलना में घटकर 0.56 प्रतिशत हो गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक इलाहबाद बैंक ने सामान अवधि में 2,114, इंडियन ओवरसीज बैंक ने 2,253 करोड़ और यूको बैंक ने इस दौरान 892 करोड़ रुपए का नुकसान झेला है। रिपोर्ट के मुताबिक इस सामान अवधि में इन 17 बैंकों का समेकित लाभ 7,583.16 करोड़ रुपए है। सरकारी बैंकों का यह आंकड़ा और गिर सकता था अगर भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) इस साल आईडीबीआई बैंक लिमिटेड का अधिग्रहण नहीं करती।
बहरहाल बढ़ते नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीपी) का असर सरकारी बैंकों के मुनाफे पर भी साफ दिख रहा है। पीएसयू बैंकों की ग्रोथ में 5 प्रतिसत से 8 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं प्राइवेट सैक्टर बैंक की ग्रोथ 14 प्रतिशत से 22 प्रतिशत हो गई है। गौरतलब है कि बैड लोन्स, क्रेडिट डिमांड में कमी, बैंकों द्वारा जोखिम जैसी समस्याएं क्रेडिट ग्रोथ में कमी की मुख्य वजह है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी इस पर चिंता जाहिर की है।