जानिए झारखंड में होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी सरकार मास्टर प्लान की तैयारी करने में जुटी है !
बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार की रणनीति के तहत हर इलाके के लिए अलग भाषण चुना है. सुत्रों की मानें तो आदिवासी इलाकों में प्रधानमंत्री समेत पार्टी के सभी दिग्गज नेता परिवारवाद के बहाने जेएमएम अध्यक्ष हेमंत सोरन पर हमला बोलेंगे साथ ही राज्य में आदिवासियों के लिए शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं और देश में भर में किसानों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं के बहाने वोटरों को बीजेपी के पाले में लाने की कोशिश करेंगे.
औपचारिक रूप से प्रचार शुरू होने के पहले हफ्ते में ही प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ-साथ केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा जनसभा करने के साथ-साथ स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी करेंगे. दिग्गज नेताओं की जनसभा के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ताओं के बैठक के पीछे बीजेपी की रणनीति कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने और चुनाव मैनजमेंट के लिए बनी रणनीति को ठीक से लागू करने की है.
हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव में अनुकूल परिणाम न आने से भाजपा चिंतित होने के साथ ही बेहद सतर्क भी है। पार्टी को पता है कि इस राज्य में हाथ आई असफलता के कारण देश भर में भाजपा का ग्राफ गिरने की धारणा बनेगी। यही कारण है कि पार्टी ने यहां राष्ट्रवाद के साथ-साथ स्थानीय मुद्दों को भी महत्व देने का फैसला किया है।
बीते चुनाव में मोदी लहर में लोकसभा चुनाव के दौरान जबर्दस्त प्रदर्शन करने वाली भाजपा विधानसभा चुनाव में अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई थी। पार्टी ने आजसू को साथ ला कर बहुमत का आंकड़ा हासिल किया था। बाद में जेवीएम के 6 विधायकों को अपने पाले में कर पार्टी बहुमत हासिल करने में कामयाब हुई थी। इस बार भाजपा-आजसू गठबंधन के सामने जेएमएम, कांग्रेस, राजद और वाम दलों का महागठबंधन होगा।