प्रदर्शन कर रहे छात्र संघ को कई राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिला हुआ है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बाहर देशों से आने वाले लोगों से उनकी पहचान को खतरा है। असम के साथ ही त्रिपुरा में भी इस बिल को लेकर हंगामा बरपा हुआ है।छात्र संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद से एक दिन पहले भी सोमवार को पूर्वोत्तर में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ था।
एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्षेत्र में छात्र संगठनों के शीर्ष संगठन नार्थ ईस्ट स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन (एनईएसओ) की विधेयक पर आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया था। पूर्वोत्तर में आठ राज्यों की अंतरराष्ट्रीय सीमा चीन, बांग्लादेश, म्यांमार और भूटान से लगती है।
अखिल असम छात्र संघ(AASU) और उत्तर पूर्व छात्र संगठन (NESO) ने मंगलवार को सुबह 5 बजे से 12 घंटे का बंद बुलाया है। इसी वजह से डिब्रूगढ़, गुवाहाटी और कॉटन यूनिवर्सिटी की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है।