देशद्रोह मामले के कारण पाक के पूर्व राष्ट्रपति ‘परवेज मुशर्रफ’ को अदालत ने सुनाई मौत की सजा।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब सेना प्रमुख के पद पर रहे किसी शख्स को राजद्रोह के मामले में अदालत की ओर से सजा-ए-मौत सुनाई गई है। पेशावर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता वाली विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने दो-एक से 76 वर्षीय मुशर्रफ के खिलाफ यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 48 घंटों में फैसले की पूरी कॉपी आने की संभावना है।
इस मामले में कल यानी सोमवार को तब नया मोड़ आ गया था जब लाहौर हाईकोर्ट ने मुशर्रफ की याचिका पर पाकिस्तान सरकार को नोटिस जारी कर निर्देश दिया था कि वह इस्लामाबाद की विशेष अदालत के समक्ष लंबित राजद्रोह मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दे।
यही नहीं विशेष अदालत ने इस केस की सुनवाई पांच दिसंबर को करने की बात कही थी। साथ ही साथ विशेष अदालत ने पूर्व पाकिस्तानी तानाशाह को निर्देश दिया था कि वह पांच दिसंबर तक मौजूद होकर अपना बयान दर्ज कराएं। लेकिन मुशर्रफ ने दुबई के अमेरिकन हास्पिटल से अपने एक वीडियो संदेश जारी कर अपनी तबियत खराब होने की बात कही थी।
मुशर्रफ पर तीन नवंबर 2007 को अतिरिक्त संवैधानिक आपातकाल लागू करने के आरोप हैं। पाकिस्तान की पीएमएल-एन सरकार ने उनके खिलाफ साल 2013 में यह मामला दर्ज किया था। इस मामले की सुनवाई विशेष अदालत की जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल ने की है। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि मुशर्रफ को इस मामले में दोषी करार दिया जाता है तो उन्हें फांसी की सजा हो सकती है।