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महिलाओं के बराबरी मे ज्‍यादा अच्छी तरह से झूठ बोलते हैं पुरुष, होते हैं अच्‍छे वक्‍ता.

महिलाओं की तुलना में पुरुष खुद को दोगुना बेहतर झूठ बोलने वाला मानते हैं। वे यह भी मानते हैं कि झूठ बोलने के बाद आसानी से बच निकलते हैं।’ पहले के अध्ययनों में बताया गया था कि अधिकांश व्यक्ति हर रोज एक से दो झूठ बोलते हैं, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। झूठ बोलने वालों का एक छोटा समूह है।

वेरिजिन ने इस अध्ययन के लिए 39 वर्ष की औसत उम्र वाले 194 महिला-पुरुषों से सवाल-जवाब किए। उनसे कई तरह के सवाल पूछे गए, जिनमें यह भी पूछा गया कि वे दूसरों को धोखा देने के मामले में खुद को कितना बेहतर मानते हैं।

पीएलओएस वन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि लगभग आधे झूठ बोलने वालों की संख्या कम है और ये लोग अपने करीबियों से छुटकारा या उनसे माफी के लिए झूठ बोलते हैं।

शोधकर्ताओं ने बताया कि लोगों को लगता है कि वह जितनी अच्छी तरह बोल सकता है, वह उतना ही अधिक झूठ बोलता है। पोर्ट्समाउथ और नीदरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ मैसटिक्ट की ब्रियन्ना वेरिजिन ने बताया ‘झूठ बोलने के मामले में विशेज्ञता और महिला-पुरुषों के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है।

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