GST से जुड़ी सभी दिक्कतों के निपटारे के लिए गठित होगी समिति.
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जीएसटी करदाताओं के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे ताकि पारदर्शी तरीके से हर मामले का निपटारा हो सके।जोनल व राज्य के स्तर पर जो समिति बनेगी उसमें दो मुखिया होंगे। एक जोनल प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर या चीफ कमिश्नर ऑफ सेंट्रल टैक्स और दूसरा राज्य कर आयुक्त या चीफ कमिश्नर।
केंद्र व राज्य के चीफ कमिश्नर या प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर मिलकर शिकायत निवारण समिति का नए सिरे से गठन करेंगे। जीआरसी दो वर्षो के लिए गठित होगा। बैठक में तीन लगातार बार शामिल नहीं होने वाले सदस्य की सदस्यता समाप्त मानी जाएगी। उसकी जगह दूसरे व्यक्ति को नामित किया जाएगा।
जीआरसी को करदाताओं से जुड़ी हर तरह की समस्या का समाधान निकालने का अधिकार दिया गया है। इसमें प्रक्रियागत समस्या हो, सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी हो या फिर किसी खास किस्म की हो, समिति सभी पर विचार कर उनका समाधान निकाल सकती है।
वित्त मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि जीएसटी काउंसिल की पिछले हफ्ते हुई बैठक में जीएसटी अदायगी से जुड़ी हर तरह की शिकायत दूर करने के लिए एक अलग व्यवस्था बनाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए जोनल व राज्य स्तर पर शिकायतों का निपटारा करने के लिए समिति (ग्रीवांस रिएड्रेसल कमेटी-जीआरसी) गठित की जाएगी।