सलमान खुर्शीद बोले की कानून को न मानना राज्यो के लिए होगा मुश्किल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने भी नागरिकता कानून को कपिल सिब्बल वाली ही बात दोहराई है. उन्होंने भी कहा है कि संवैधानिक रूप से राज्यों के लिए इस कानून को न मानना मुश्किल होगा वही खुर्शीद ने भी यही कहा की संवैधानिक रूप से, राज्य सरकार के लिए यह कहना मुश्किल होगा कि हम संसद द्वारा पारित कानून का पालन नहीं करेंगे यदि सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करता है तो यह क़ानून की किताब पर बना रहेगा अगर कुछ क़ानून की किताब पर है तो आपको कानून का पालन करना पड़ेगा,अन्यथा इसके अलग नतीजे हो सकते हैं.
10 जनवरी से देश भर में नागरिकता कानून लागू हो चुका है. कई गैर बीजेपी शासित राज्यों में नागरिकता कानून को अपने यहां लागू करने से इनकार किया है. केरल सरकार ने इस हफ्ते की शुरुआत में सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.वही खुर्शीद ने कहा कि इस कानून को लेकर अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही कुछ कर सकता है. उन्होंने कहा जहां तक इस कानून की बात है यह एक ऐसा मामला है जहां राज्य सरकारों का केंद्र के साथ बेहद गंभीर मतभेद है इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा करेंगे
वही बतादे की कपिल सिब्बल ने भी यही कहा की जब सीएए पारित हो चुका है तो कोई भी राज्य यह नहीं कह सकता कि मैं उसे लागू नहीं करूंगा. यह संभव नहीं है और असंवैधानिक है. आप उसका विरोध कर सकते हैं, विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकते हैं और केंद्र सरकार से वापस लेने की मांग कर सकते हैं. लेकिन संवैधानिक रूप से यह कहना कि मैं इसे लागू नहीं करूंगा ये अधिक समस्याएं पैदा कर सकता है