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मनमोहन सिंह बोले कि स्वतंत्रता के विचार लोगों के जीवन को बनाते हैं सुखद

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता का विचार आकार ले सकता है और हमारे लोगों का जीवन तभी बना सकता है जब वे कानून के तहत समान नागरिक बनकर रह सकें साथ ही उन्होंने यह भी कहा की हमारे उदारवादी ,लोकतंत्र के संस्थानों को कई मौकों पर परीक्षण करने के लिए रखा गया है जब मौलिक स्वतंत्रता को खतरा था, इन संस्थानों को वर्षों से पोषित किए जाने की जरूरत है, उन्हें मजबूत करना होगा और हमारे संविधान की रक्षा में खुद को मजबूत करना होगा उन्होंने यहां कहा, हाल ही में युवाओं ने देश को याद दिलाया कि देश की आजादी प्रबुद्ध नागरिकों के हाथ में ही सुरक्षित है।

यह भी तभी होगा, जब यह सभी के लिए समान हो। पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार की किताब ‘ह्यूमन डिग्निटी- अ परपज इन परपेच्युटी’ के विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए लगभग दो बार पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मौलिक स्वतंत्रता खतरे में थी, तो हमारे उदार व उन्मुक्त लोकतंत्र की संस्थाओं की कई मौकों पर परीक्षा ली गई।

उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं का विकास सालों में हुआ है और इन्हें मजबूत करने व संविधान के बचाव में खुद को खड़ा करने की जरूरत है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वास्तव में आजादी का विचार हमारे लोगों के जीवन में तभी आकार ले सकता है, जब कानून के तहत वे सभी समान नागरिक की तरह जीएं।पूर्व प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी सीएए के खिलाफ चल रहे देशव्यापी गतिरोध और केरल सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में इसे रद्द करने के लिए याचिका लगाए जाने के बीच आई है।

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