जम्मू-कश्मीर में देखने को मिलेगी गणतंत्र दिवस पर लोकतंत्र की एक नई मिसाल
बतादे की अनुच्छेद 370 हटने व केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पहले गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर चारों ओर उल्लास का माहौल बना हुआ है गांव से लेकर शहरों तक तिरंगे शान से लहराते हुए नजर आ रहे है समारोह को यादगार बनाने के लिए प्रशासन व स्थानीय लोग में भी खासा जोश है।
एक ओर जम्मू के मौलाना आजाद स्टेडियम और श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम को खास तरह से सजाया गया है वही वहा के स्थानीय लोग हर चौराहे और ऐतिहासिक स्थलों पर तिरंगा फहराने के लिए बहुत उत्सुक दिखे हैं। 26 जनवरी को पूरे जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की एक नई तस्वीर देखने को मिलेगी।जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए यह गणतंत्र दिवस खास मायने रखता है।
बेशक पहले भी यहां पर तिरंगा ही फहराया जाता था, लेकिन जम्मू-कश्मीर के अपना संविधान और झंडे था की विशेष उपस्थिति रहती थी। लेकिन 31 अक्टूबर के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पूरी तरह भारतीय संविधान प्रभावी है। पहली बार जम्मू-कश्मीर में एक विधान, एक निशान, एक प्रधान का नारा बुलंद हुआ है.
वही एक खास बात ये है की पांच महीने बाद शनिवार की सुबह बहाल हुई इंटरनेट सेवाएं शाम होते ही फिर बंद हो गई। अधिकारियों का कहना है कि गणतंत्र दिवस समारोह के जश्न में किसी तरह की खलल न पड़े। इसे देखते हुए एहतियातन इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। इन्हें 26 जनवरी को दोपहर बाद किसी भी समय फिर से बहाल किया जाएगा।