श्योपुर जिले में शराब माफिया के सफाए के लिए पुलिस चलाएगी ‘कॉम्बिंग ऑपरेशन’
अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए पुलिस ने कई जतन किए लेकिन, परिणाम ऐसे नहीं आए जो श्योपुर पुलिस कप्तान की चाह थी।
सख्ती के बाद भी गांवों में अवैध शराब बिक रही है। इसकी पुष्टि कोई और नहीं बल्कि, आए दिन पुलिस द्वारा पकड़ी जा रही अवैध शराब ही कर रही है। इस समस्या से निपटने के लिए एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह ने कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाने की तैयारी की है। इस अभियान के तहत गांव-गांव में एसपी खुद जाएंगे और चौपाल में जनता से मिले फीडबैक पर शराब माफिया पर मौके पर ही कार्रवाई करेंगे।
कॉम्बिंग ऑपरेशन की शुरूआत जुलाई से होगी। इसके तहत एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह 100 से ज्यादा गांवों में चौपाल लगाएंगे। चौपाल में ग्रामीणों से खुद एसपी पूछेंगे कि गांव और आस-पास के क्षेत्र में कहीं शराब तो नहीं बिक रही। अगर शराब बिक रही है तो कौन बेचता है? कहां से गांवों में शराब आती है? कौन व्यक्ति इस काले कारोबार से जुड़ा है?
ऐसे सवालों के बाद ग्रामीण जिन लोगों को अवैध शराब में लिप्त बताएंगे उनकी मौके पर ही जांच होगी। यदि जांच में अवैध शराब से जो भी जुड़ा पाया गया उस पर शिविर में ही एफआईआर होगी। इस अभियान के तहत पुलिस का सबसे ज्यादा जोर कराहल ब्लॉक में रहेगा क्योंकि, वहां शराब पूरी तरह प्रतिबंधित है इसके बाद भी गांव-गांव से अवैध शराब बिकने की शिकायतें मिलती रहती हैं।
क्या होता है कॉम्बिंग ऑपरेशन
जब जंगल में बदमाश या डकैतों की आहट होती है तब, पुलिस जंगल में सर्चिंग का अभियान चलाती है इसे पुलिस की भाषा में कॉम्बिंग ऑपरेशन कहा जाता है। कॉम्बिंग ऑपरेशन यानी खोजबीन है। इसी तर्ज पर उन गांवों में जहां-जहां अवैध शराब बिकती है वहां पुलिस कॉम्बिंग ऑपरेशन कर एक-एक आरोपी को चिन्हित कर उस पर कार्रवाई करेगी।
पहली बार गांवों में रुकेगा कोई एसपी
इस अभियान की सबसे खास बात यह है कि, एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह कई गांवों में रात्रि विश्राम करेंगे। ऐसे गांवों में रात के समय चौपाल लगेगी वहां, ग्रामीणों से अपराधिक गतिविधियों और अवैध शराब पर फीडबैक लिया जाएगा। जिन गांवों को रात्रि विश्राम के लिए चुना है उनमें, सहसराम, अगरा, गसवानी, बरगवां जैसे कई गांव है जिनकी आबादी ठीक-ठाक है।
स्मैक-गांजा तस्करों की खबर देने वाले को इनाम
इन शिविरों में पुलिस का जोर अवैध शराब के साथ-साथ स्मैक और गांजा तस्करों पर भी रहेगा। स्मैक बेचने वालों की जो भी व्यक्ति सूचना देगा और उसकी सूचना सही निकली तो एसपी ऐसे व्यक्ति को नगद इनाम देंगे। इसके अलावा सूचना देने वालों की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी।
इनका कहना है
अवैध शराब को हमने काफी हद तक रोका है लेकिन, यह पूरी तरह बंद नहीं हुई। गांव़ों में चोरी-छिपे शराब बिक रही है। यह अभियान इसलिए चला रहे है जिससे शराब के अवैध कारोबार को पूरी तरह खत्म कर सकें।