कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म ‘शिकारा’ देख भावुक हुए लालकृष्ण आडवाणी….
डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘शिकारा- अ लव लेटर फ्रॉम कश्मीरी पंडित’ रिलीज हो गई. फिल्म ‘शिकारा’ में वर्ष 1990 के आसपास कश्मीर से निकाले गए कश्मीरी पंडितों की कहानी को पर्दे पर उतारा गया है. इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई, जिसमें देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी अपनी बेटी प्रतिभा के साथ पहुंचे. लालकृष्ण आडवाणी कश्मीरी पंडितों के दर्द को देखकर अपने आंसू नहीं रोक पाए. डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा फिल्म्स ने इस भावुक पल का वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है, जो वायरल हो रहा है.
विधु विनोद चोपड़ा फिल्म्स की ओर से इंस्टाग्राम पर लिखा गया, ‘शिकारा के स्पेशल स्क्रीनिंग में श्री एलके आडवाणी. हम आपके आशीर्वाद और तारीफ के लिए आभारी हैं.’ वीडियो में लिखा गया है कि आडवाणी शिकारा देखने के बाद अपने आंसूओं को नहीं रोक पाए. वीडियो में विधु विनोद उन्हें दिलासा देते नजर आ रहे हैं. ये फिल्म शुक्रवार को रिलीज हुई है. एक नेता के तौर पर लालकृष्ण आडवाणी ने कश्मीरी पंडितों के दर्द को नजदीक से देखा है.
बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने ट्वीट कर लिखा, विनोद आपको ढेर सारी शुभकामनाएं. ‘शिकारा’ एक ऐसी फिल्म है, जो हमारे हाल के इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक पर बनी है. यह एक ऐसी कहानी है, जिसे बताए जाने की जरूरत है.
इस फिल्म की खासियत ये है कि फिल्म में 4000 से ज्यादा कश्मीरी पंडित शरणार्थियों ने अभिनय किया है. विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म शिकारा कश्मीरी पंडितों के दर्द को एक प्रेम कहानी के माध्यम से बताती है. ये कहानी है शिव कुमार धर और उसकी पत्नी शांति धर की, जो पंडित हैं और कश्मीर में शांत और खुशहाल जिंदगी बिता रहे हैं और कुछ ही दिनों के बाद कैसे घाटी में धीरे-धीरे सांप्रदायिक तनाव अपने पैर पसारता है और फिर शिव और उसकी पत्नी शांति को अपनी जिंदगी, अपनी जीवनभर की कमाई से बनाया घर और सुख को छोड़कर अपनी जान के लिए भागना पड़ता है, एक ऐसी जगह जो उनकी नहीं है.
विदु विनोद चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म की मुख्य स्टार कास्ट बिल्कुल नई है. सादिया और आदिल खान ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं. ‘शिकारा’ में 1990 में कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के माइग्रेशन के वास्तविक फुटेज को दर्शाया गया है.