Main Slideदेश
सीएम योगी ऐसे बने थे हिंदुत्व के ‘पोस्टर ब्वॉय’, अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था खास नारा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्पेशल सीरीज का ये छठवां भाग है। पहले पांच भाग में आपने पढ़ा कि कैसे योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड स्थित पैतृक गांव पंचूर से गोरखपुर आए और दीक्षा लेकर संन्यासी बन गए।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्पेशल सीरीज का ये छठवां भाग है। पहले पांच भाग में आपने पढ़ा कि कैसे योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड स्थित पैतृक गांव पंचूर से गोरखपुर आए और दीक्षा लेकर संन्यासी बन गए। मां-बाप ने भी बेटे के फैसले के आगे हार मान ली। योगी ने पहली बार गोरखनाथ मंदिर के बाहर निकलकर छात्रों का नेतृत्व किया और पहली बार में ही एसएसपी को फोन कर चेतावनी दे डाली। छोटी उम्र में ही योगी नायक बन गए थे। वहीं गोरखपुर मंदिर के भंडारे में योगी ने ऐसा सबक सीखा, जिसे वह जीवन में कभी नहीं भूले। अब आगे पढ़ें…
हिंदू युवा वाहिनी अपने गठन के दो महीने बाद ही मोहन मुंडेरा कांड को लेकर चर्चा में थी। 15 जून 2002 को कुशीनगर जिले के राजभर समुदाय की एक लड़की की रेप के बाद सुलेमान नाम के शख्स ने हत्या कर दी थी। भाई ने न्याय मिलने तक अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया, जब उसे न्याय नहीं मिला तो वह योगी के दरबार में पहुंचा। योगी ने 19 जून 2002 को उस गांव में जाने का एलान कर दिया, यह सुनकर उस गांव के सभी मुसलमान अपना घर बंदकर भाग गए।
योगी के आने के दिन सुबह गांव में उनको सुनने के लिए भारी भीड़ जुट चुकी थी। वह वादे के मुताबिक वहां पहुंचे और दलितों पर अत्याचार और प्रशासन की घोर तुष्टीकरण के खिलाफ भाषण दिया। उनके जाते ही मुसलमानों के 42 घर जला दिए गए। इस पहल ने तेजतर्रार हिंदुत्ववादी नेता के तौर पर उनकी छवि को मजबूत किया। एक राजनीतिक दल होने के नाते भाजपा कभी-कभार हिंदुत्व के एजेंडे पर समझौता कर लेते थी लेकिन रामजन्मभूमि जैसे मुद्दों पर योगी की सोच स्पष्ट थी। योगी अपने समर्थकों से अक्सर कहते भी थे कि उनका और भाजपा का एजेंडा हमेशा एक सा नहीं हो सकता और कभी समय आया तो वह निर्णय लेने में एक मिनट भी नहीं लगाएंगे।
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी महराजगंज में चुनाव के समय आसपास के निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशियों के पक्ष में रैली करने आए। वह गोरखपुर में उतरे लेकिन मंदिर नहीं गए। उसी रैली में योगी बोलने आए तो भीड़ का उत्साह देखने लायक था। चतुर राजनीतिज्ञ वाजपेयी ने भीड़ का मूड तुरंत पढ़ लिया। अपना भाषण शुरू करने से पहले वाजपेयी ने योगी का हाथ पकड़कर हवा में लहराया और भीड़ से अपील की एक बार मेरे साथ बोलिए ‘पूर्वांचल में रहना है तो योगी-योगी कहना है’ इसके बाद जब चुनाव के नतीजे आए तो योगी की जीत का अंतर 1.42 लाख हो गया था।