भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 12 जुलाई को पटना पहुंचेंगे।सूत्रों के मुताबिक इस यात्रा के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात होगी। इस मुलाकात को लेकर सूबे की सियासत तेज हो गयी है। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि दोनों प्रमुख नेताओं की मुलाकात के दौरान लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीट शेयरिंग पर भी बातचीत हो सकती है।
अभी जबकि भाजपा और जदयू के बीच अंतर्कलह जारी है। बेशक दोनों पार्टियां सबकुछ सही होने का दावा करती रही हों लेकिन दोनों के बीच की रार कई मौके पर देखने को मिली है। इससे लगता है कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा को बिहार से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों के बीच जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। 2015 विधानसभा चुनावों में भाजपा से ज्यादा सीट जीतने वाली जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सीट बंटवारे में इस परिणाम को आधार बनाने की मांग पर अड़ी हुई है।
माना जा रहा है कि नीतीश से मुलाकात करके शाह बिगड़ी बात बनाने की कोशिश करेंगे। बता दें कि मंगलवार को जदयू नेता संजय सिंह ने कहा था कि भाजपा के वे नेता जो हमेशा खबरों की हेडलाइंस में बने रहना चाहते हैं उन्हें भाजपा को नियंत्रण में रखना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा था कि 2014 और 2019 के चुनाव में बहुत बड़ा अंतर है। भाजपा को भी बहुत अच्छे से पता है कि बिहार में नीतीश कुमार के बिना चुनाव जीतना आसान नहीं होगा। अगर भाजपा को सहयोगी पार्टियों की जरूरत नहीं है तो वह बिहार में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है।
वही सीट शेयरिंग मामले में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भी कहा था कि कहना है कि भाजपा नेतृत्व वाले राजग के सभी घटक दल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर जल्द निर्णय चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।