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नीतीश कुमार ने जल भराव मामले में तीन अधिकारियों को किया निलंबित

बिहार की राजधानी पटना में पिछले साल जलभराव अधिक वर्षा से नहीं, बल्कि अधिकारियों की लापरवाही से नाले जाम रहने के कारण हुआ था. यह बात एक जांच दल की रिपोर्ट में सामने आई है. रिपोर्ट आने के बाद नीतीश कुमार ने तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इसमें बुडको के तत्कालनी एमडी अमरेंद्र प्रसाद सिंह भी शामिल हैं. शुक्रवार को यह कार्रवाई की गई है.

जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उसमें अमरेंद्र प्रसाद सिंह के अलावा नगर निगम के दो अन्य अधिकारी शैलेश कुमार और वीरेंद्र कुमार तरुण शामिल हैं. जिस दल ने जांच की है, उसका नेतृत्व राज्य के विकास आयुक्त अरूण कुमार सिंह कर रहे थे और उसमें राज्य के वित आयुक्त एस सिधार्थ और ऊर्जा सचिव प्रत्यय अमृत भी शामिल थे. जांच दल ने अपनी जांच में प्रशासनिक स्तर पर कई खामिया पाई थीं.

जांच रिपोर्ट के मुताबिक जिन पंप हाउस से जल निकासी का काम होना था, वहां समय पर डीज़ल की आपूर्ति नहीं की गयी थी. इसके अलावा पंप सेट ख़राब थे और बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था नहीं थी, ना ही पर्याप्त संख्या में सफ़ाई कर्मचारी तैनात किए गए थे. इस जांच में पटना नगर निगम के कई अधिकारियों को लापरवाही का दोषी पाया गया था. वहीं बुडको के प्रबंध निदेशक भी जांच के दौरान कई सवालों के साफ-साफ जवाब नहीं दे पाए थे.

इस जांच रिपोर्ट की एक कॉपी पटना हाई कोर्ट में भी दी गई है, जहां जल भराव के कारणों और दोषियों के खिलाफ हुई कार्रवाई के बारे में राज्य सरकार से पूछा गया हैं. हालांकि, बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है. संघ का कहना है कि कार्रवाई से पहले निलंबित अधिकारियों को अपना पक्ष रखने का समुचित समय नहीं दिया गया.

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