बालाकोट एयरस्ट्राइक को आज हुआ एक साल पूरा
बालाकोट एयरस्ट्राइक भारतीय सेना की बहादुरी, वीरता का प्रतीक है। इस एयर स्ट्राइक का जिक्र चलते ही जहां भारतीय सैनिकों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। देशवासियों में जोश भर आता हैं, वहीं बालाकोट एयर स्ट्राइक का नाम आते ही दुश्मन के पसीना छूटने लगता है। आतंकी बालाकोट एयर स्ट्राइक को याद कर थर थर-थर कांपने लगते हैं बता दें कि बालाकोट एयर स्ट्राइक को बुधवार को एक साल हो गया है।
इसमें कोई दोराय नहीं कि यह दुनिया का पहला ऐसा एयर स्ट्राइक था, जिसने भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य परिदृश्य और परिभाषा को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। बालाकोट एयर स्ट्राइक से भारत ने पाकिस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया को संदेश दे दिया कि केवल सैन्य शक्ति ही नहीं, भारतीय नेतृत्व में राजनीतिक इच्छाशक्ति और दृढ़संकल्प का भी कतई अभाव नहीं।
भारत दुश्मन के किसी भी दुस्साह का उसके घर में घुसकर जवाब देना जानता है। इसी असर यह हुआ कि आज पाकिस्तान कश्मीर पर दावा नहीं करता, बल्कि गुलाम कश्मीर को कैसे बचाना है, यह सोच रहा है।भारत का दावा है कि बाद में इन इमारतों की मरम्मत के बाद ही वहां पत्रकारों को ले जाया गया। तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि पाकिस्तान इसलिए भी नुकसान की बात सेमुकर रहा है क्योंकि अगर वो ऐसा करता है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय उससे तुरंत पूछता कि कितना नुकसान हुआ और भवन में कितने लोग मौजूद थे। कितने मारे गए और कितने घायल हैं। इन सवालों से पाकिस्तान बचना चाहता था।