सिंधिया ने 18 साल बाद कांग्रेस का छोड़ा हाथ……..
मध्य प्रदेश में सोमवार शाम से शुरू हुआ सियासी उथल-पुथल तेज हो चुका है. मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज़ चल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं. आज उनके बीजेपी में शामिल होने की भी चर्चा है. इन सबके बीच सियासी गलियारों में कई सवाल हैं. आखिर वो कौन है, जिसने ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी के बीच डील कराई?
कौन है वो शख्स जिसने सिंधिया को 18 साल का कांग्रेस का साथ छोड़ने के लिए राज़ी किया? वह कौन है, जिसकी मदद से सिंधिया की अब भगवा पार्टी में एंट्री होने जा रही है? इन सभी सवालों का जवाब एक ही है मध्य प्रदेश में मचे सियासी उथल-पुथल के पीछे बीजेपी के प्रवक्ता जफर इस्लाम का हाथ है. जफर ने ही सिंधिया को कांग्रेस से नाता तोड़ बीजेपी खेमे में लाने में अहम भूमिका निभाई है.
सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि जफर इस्लाम और ज्योतिरादित्य सिंधिया एक दूसरे को काफी समय से जानते थे. सिंधिया के दिल्ली स्थित घर पर भी जफर की मुलाकात हो चुकी है. हालांकि, बीते पांच महीने से जफर और सिंधिया के बीच मुलाकात का सिलसिला बड़ गया था.
माना जा रहा है कि यहीं से बीजेपी ने गेम शुरू किया था.ऐसे शुरू हुआ ऑपरेशन लोटस सूत्र बताते हैं कि सिंधिया और जफर हाल ही में पांच बार मिले थे. जफर ने हर मीटिंग के मिनिट्स भी बीजेपी हाई कमान से शेयर किए थे. मुलाकातों के नतीजों के गहन अध्ययन के बाद ही बीजेपी ने मध्य प्रदेश में ऑपरेशन लोटस शुरू कर दिया था.
सूत्रों की मानें तो इस पूरे ऑपरेशन में बीजेपी की तरफ से सिर्फ लॉजिस्टिक और अन्य मदद दी गई. पूरा ऑपरेशन ज्योतिरदित्य सिंधिया के मुताबिक ही चला.यहां तक कि सोमवार और मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के वक्त भी इस्लाम जफर 7, लोक कल्याण मार्ग पर मौजूद थे.
बता दें कि सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी, तो मध्य प्रदेश में हड़कंप मच गया है. सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी इस्तीफे दे दिए. जिससे कमलनाथ सरकार खतरे में आ गई है हालांकि, कमलनाथ अभी भी कह रहे हैं कि फिक्र करने की कोई बात नहीं है. सरकार फ्लोर टेस्ट पास कर लेगी.