अमित शाह लोकसभा में विपक्ष पर भड़के
जिस दिल्ली दंगे में 50 से अधिक लोग मारे गए और 500 से अधिक घायल हो गए, क्या आप नहीं जानना चाहेंगे कि जब इस पर लोकसभा में चर्चा हुई तो सदन में क्या बात हुई, विपक्ष के नेताओं ने क्या तैयारी की थी और सरकार की तरफ से गृहमंत्री और बीजेपी के सांसदों ने क्या कहा गृहमंत्री अमित शाह ने मृतकों और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की. फिर दिल्ली पुलिस की तारीफ की कहा कि दंगों को अन्य क्षेत्रों में फैलने नहीं दिया 36 घंटे में दंगे रोक दिए गए
विपक्षी सांसद के इस बात पर वह भड़क गए चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि देश में इससे पहले कई कानून धर्म के आधार पर बन रहे हैं। उन्होंने पूछा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ क्या है? वहीं शाह ने यह भी कहा कि दंगे के दौरान आगजनी करने वाले लोगों की संपत्ति जब्त की जाएगी साथ ही उन्होंने कहा, इसके लिए उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है। ताकि, कोर्ट की निगरानी में संपत्ति वसूली की कार्रवाई की जाए। उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया कि पुलिस भी पत्थरबाजी में शामिल थी। इस दौरान कांग्रेस के सदस्य वॉकआउट कर गए।
हिंसा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की सक्रियता के बारे में सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि उनके आग्रह पर ही एनएसए वहां गए थे। उन्होंने कहा कि अगर वह खुद दंगा प्रभावित क्षेत्रों में जाते, तो पुलिस सब कुछ छोड़कर उनकी सुरक्षा में जुट जाती है। इसलिए, एनएसए ने वहां जाकर पुलिस का मनोबल बढ़ाया
वही अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के कुल 203 थाने हैं और हिंसा केवल 12 थाना क्षेत्रों तक सीमित रही। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की सबसे पहली जिम्मेदारी हिंसा को रोकने की थी गृह मंत्री ने यह भी कहा, 36 घंटे में जो हुआ, उसे मैं नजरंदाज नहीं कर रहा। 50 से ज्यादा लोग मारे गये और हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ जो छोटी बात नहीं है।