नौकरी का झांसा देकर बेरोजगारों से 13.50 लाख की ठगी
तीन बेरोजगारों को विधान भवन में नौकरी दिलाने का झांसा देकर जालसाजों ने 13.50 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर चार नामजद और पांच अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।
इंस्पेक्टर हजरतगंज के मुताबिक न्यू आजादनगर गणेशपुर रहमान नगर चिनहट निवासी राकेश कुमार सैनी ने बताया कि डेढ़ साल पहले उनकी अखिलेश यादव से हुई थी। अखिलेश यादव जेएनयूआरएम की बस रूट नंबर 11 पर कंडक्टर की नौकरी करता था। वह सैलापुर सराय शम्भुआ सुलतानपुर का रहने वाला था। उसने बताया कि उसका शासन और सपा सरकार में काफी पहुंच है। वह विधान भवन में उसकी नौकरी लगवा देगा। अखिलेश से बस पर ही मुलाकात हुई थी। राकेश ने बताया कि अखिलेश ने उसकी और दोस्त दिनेश और गिरजा शंकर की नौकरी लगवाने की बात कही थी। तीनों की नौकरी के लिए तीन बार में उसे 13.50 रुपये दिए थे। कई माह बीत जाने के बाद भी वह नौकरी नहीं लगवा सका। अखिलेश कई ब ार विधानभवन में कई मंत्रियों और अधिकारियों से मिलवाने की भी उसने बात कही। पर वह विधानभवन के सिर्फ गेट नंबर आठ तक ले जाता था। इसके बाद हम सबको गेट के बाहर रोककर चला जाता। करीब एक-डेढ़ घंटे बाद लौटता और कहता कि अधिकारियों और मंत्रियों से बात हो गई है। बस जल्द ही नौकरी लग जाएगी। साल भर बीतने के बाद भी वह नौकरी नहीं लगवा सका। इस पर उससे रुपयों की मांग की। वह टाल मटोल करने लगा। विरोध पर धमकाने लगा। इसके बाद उसने फोन रिसीव करना ही बंद कर दिया। मामले की जानकारी हजरतगंज पुलिस को दी गई पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद अधिकारियों को बताया। अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। इंस्पेक्टर ने बताया कि राकेश की तहरीर पर अखिलेश यादव, अजय, राम यादव, आसिफ और पांच अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। साथी उसके पैर छूकर बनाते थे बहुत अच्छे हैं भइया
राकेश ने बताया कि अखिलेश बहुत ही शातिर था। उसके साथ अजय, राम यादव और आसिफ अक्सर रहते थे। हमारे सामने जब भी यह लोग अखिलेश से मिलते तो उसके पैर छूते थे। हम पर विश्वास जताने के लिए कहते थे कि भइया बहुत अच्छे हैं उन्होंने बहुत से लोगों की नौकरी विधानभवन और मेट्रो में लगवाई है।