कोरोना वायरस को किया महामारी घोषित परन्तु। …..
देश में कोरोना वायरस को महामारी तो घोषित कर दिया गया, लेकिन अब तक इसके टेस्ट को लेकर युद्ध स्तर पर काम नहीं हुआ है लगभग 132 करोड़ आबादी वाले देश में एक महामारी से बचाव के लिए टेस्ट सेंटर तक पर्याप्त नहीं हैं भले ही अब तक भारत में अन्य देशों से कम मौतें हुई हों लेकिन यह महामारी किसी भी समय बड़े समुदाय को अपनी चपेट में ले सकती है। भारत में अब तक मात्र दो मौतें कोरोना वायरस की वजह से हुई, लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं कि सभी सुरक्षित हो इटली में भारत से ज्यादा सुविधाएं जुटाई गई, उसके बाद भी वहां एक दिन में सबसे ज्यादा यानि 250 लोगों की मौत ने इस महामारी का प्रभाव दिखा ही दिया है भारत में 107 लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है।
धीरे,धीरे ही सही यह संख्या बढ़ तो रही है, लेकिन इस अनुपात में इसके टेस्ट में बढ़ोतरी नहीं दिखाई दे रही है आपको बता दें कि पूरे देश में इस समय मात्र 52 सेंटर ऐसे हैं, जहां पर कोरोना वायरस की जांच की जा रही है। जबकि जनसंख्या और इसके घनत्व को देखें तो यह ज्यादा है वही अगर हम अन्य देशों की तुलना करें तो वहां इस आपात स्थिति में ज्यादा से ज्यादा लोगों के टेस्ट करवाए जा रहे हैं। क्योंकि कोरोना वायरस की चपेट में दुनिया भर में सवा लाख से अधिक लोग हैं और लगभग 7000 से अधिक की मौत हो चुकी हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस टेस्ट को लेकर भारत में अभी भी जागरूकता नहीं दिखाई दे रही है भारत में जागरूकता की जरूरत है। अब तक देश में जितनी भी स्क्रीनिंग और सैंपल टेस्ट किए गए, वो काफ़ी नहीं हैं। ऐसे में खतरा कभी भी बढ़ सकता है। वहीं दक्षिण कोरिया की कुल आबादी 5.1 करोड़ है। वहां अब तक करीब तीन लाख लोगों का टेस्ट किया जा चुका है। इसके लिए सैकड़ों टेस्टिंग सेंटर बनाए गए हैं, ताकि इस महामारी से निपटा जा सके। इस तुलना में तो भारत में अब तक सात हजार लोगों का टेस्ट ही किया गया है।
यहां तक कि टेस्ट कराए जाने के सेंटर कम हैं। भारत में हर राज्य के कुछ चुनिंदा अस्पतालों को ही सेंटर बनाया गया है, जो कि आबादी की तुलना में बेहद कम है अगर हम राजस्थान की बात करें तो यहां 33 जिलों में मात्र जयपुर के SMS अस्पताल में कोरोना जांच की जा रही है। एक बार इस वायरस ने फैलना शुरू किया तो मरीजों को बचाना मुश्किल होगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक इन हालातों में देश को एक हजार ऐसी लैब की जरूरत है, जहां ज्यादा से ज्यादा लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा सके। हैरानी की बात तो यह है कि जिसे महामारी घोषित कर दिया गया है लेकिन उसके लिए भी जो विदेश से लौटे हैं या फिर जो ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आया हो, उन्हीं का टेस्ट करवाया जा रहा है। जबकि इस मौसम में कोरोना के ही लक्षण वाला वायरल भी लोगों में देखा जा रहा है। ऐसे लोगों का टेस्ट भी जरूरी है।