निजामुद्दीन मामले पर दिल्ली सरकार सख्त लापरवाही हुई तो मिलेगी सजा
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 25 नए मामले सामने आने के बाद दिल्ली में इस घातक वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 97 हो गई है. जानकारी के मुताबिक, शहर के निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी जमात के मरकज़ में 13 मार्च से 15 मार्च तक एक धार्मिक सभा का आयोजन किया गया था. इसमें विदेशी नागरिकों ने भी हिस्सा लिया था. अब इनमें से कई लोगों में COVID-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है. इस घटना के सामने आने के बाद दिल्ली सरकार सख्त हो गई है.
दिल्ली सरकार ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि पूरे भारत में 24 मार्च को लॉकडाउन किया गया था. ऐसे में हर होटल, गेस्टहाउस व हॉस्टल के मालिक और मैनेजमेंट की जिम्मेदारी थी कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए. ऐसा लगता है कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग और क्वारंटाइन जैसे किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया.
दिल्ली सरकार ने अपने बयान में कहा, हमारी जानकारी में आया है कि मैनेजमेंट ने इन शर्तों का उल्लंघन किया है और कोरोना पॉजिटिव रोगियों के कई मामले यहां पाए गए हैं. लापरवाही के इस मामले में पाए गए सभी दोषियों पर सख्त कार्यवाई की जाएगी. इस तरह से लापरवाही की वजह से कई जीवन खतरे में हैं. यह एक आपराधिक कृत्य है. लॉकडाउन के दौरान इस तरह के जमावड़े से बचना हर नागरिक की जिम्मेदारी थी.
बता दें कि दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, रविवार रात तक शहर में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 72 थी, जिनमें से दो लोगों की मौत हो गई है. विभाग ने बताया कि 97 मरीजों में से 89 एलएनजेपी अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, आरएमल अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेश्येलिटी अस्पताल समेत विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं.