संतों ने की अपील कहा जो भोजन बनाया उसे गरीबों को दें
जब कभी कोई मसला धर्म और विज्ञान के बीच फंसता है, तब-तब काशी नई नजीर पेश करती है. इस बार भी कोरोनावायरस के कारण 21 दिन के लॉकडाउन के बीच काशी के संतों की ओर से नवमी पर कन्या भोज को लेकर अनूठी अपील की गई है. वाराणसी के संतों ने देशवासियों से आह्वान किया है कि इस बार नवमी में कन्या भोजन और पूजन न कराएं. अपने ही घर की कन्याओं का पूजन करें और जो भोजन बनाया हो, उसे गरीबों को दें और दक्षिणा राहत कोष में दे.वाराणसी में संतों की बैठक के बाद ये आह्वान किया गया. हाथों में स्लोगन लिखे कार्ड और शंखों की ध्वनि के बीच संतों ने अपील की है कि नवमी पर इस बार कन्या भोज कराने से बचें. इससे सोशल डिस्टेसिंग के नियम का उल्लंघन होगा.
इसके लिए धर्म के मुताबिक, इस बार कन्या भोज तो बनाएं लेकिन कन्याओं को घर पर न बुलाएं. बल्कि जो भी भोजन बनाया है, उसे कन्या भोज का संकल्प लेकर गरीबों और बेसहारा लोगों के बीच बंटवा दें. यही नहीं, कन्याओं को जो दक्षिणा देनी है, उस दक्षिणा को प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करा दें. कोरोना के कारण 21 दिन के लॉकडाउन के बीच यही असली कन्या पूजन होगा.वाराणसी में संतों की बैठक के बाद ये आह्वान किया गया. हाथों में स्लोगन लिखे कार्ड और शंखों की ध्वनि के बीच संतों ने अपील की है कि नवमी पर इस बार कन्या भोज कराने से बचें. इससे सोशल डिस्टेसिंग के नियम का उल्लंघन होगा. इसके लिए धर्म के मुताबिक, इस बार कन्या भोज तो बनाएं लेकिन कन्याओं को घर पर न बुलाएं.
बल्कि जो भी भोजन बनाया है, उसे कन्या भोज का संकल्प लेकर गरीबों और बेसहारा लोगों के बीच बंटवा दें. यही नहीं, कन्याओं को जो दक्षिणा देनी है, उस दक्षिणा को प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करा दें. कोरोना के कारण 21 दिन के लॉकडाउन के बीच यही असली कन्या पूजन होगा.महामंडलेश्वर आशुतोषानंद गिरी महाराज ने कहा कि इस वक्त देश में कोरोना का संकट है. 21 दिन के लॉकडाउन के बीच अपने आधी लड़ाई जीत ली है और आधी बाकी है. धार्मिक मान्यता है कि जो भी लोग नौ दिन का व्रत रखते हैं, उन्हें नवमी को कन्या भोज कराना पड़ता है.
लेकिन ऐसे हालात के बीच में कन्या भोज कराना उचित नहीं है. इसके बदले कन्या भोज का खाना गरीबों को और दक्षिणा की राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में देने से असल मकसद हल हो पाएगा. इस मौके पर दो कन्याओं ने भी अपील की. हाथो में जो स्लोगन लिखे कार्ड थे, उसमे लिखा था- सुखी रहेगी देश की कन्या, दूर करेगी दोष कोरोना. कन्या का करें कल्याण, घर में रहने दे मत करें आह्वान. इसके अलावा कन्या पर न आए संकट, रोके कोरोना करे न जमघट आदि नारे लिखे थे.