महाराष्ट्र से तमिलनाडु पैदल आ रहे शख्स ने बीच रास्ते में तोड़ा दम
कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए सरकार ने देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया है। जिसके चलते लोग अपने-अपने घरों में बंद हैं। ऐसे में कई लोगों ने बड़े-बड़े शहरों से अपने मूल स्थानों की ओर जाना शुरू कर दिया था। इनमें अधिक संख्या दिहाड़ी मजदूरों की थी। कोई वाहन ना मिलने पर इनमें से कुछ लोग पैदल भी चलकर गए। कई लोग तो ऐसे भी रहे जो अपने घर सुरक्षित नहीं पहुंच पाए, किसी का रास्ते में एक्सिडेट हो गया तो किसी की बीमारी के कारण मौत हो गई।
ताजा मामला तमिलनाडु का है। यहां एक 22 साल का छात्र महाराष्ट्र के वर्धा से 450 किलोमीटर पैदल चलकर तमिलनाडु स्थित अपने घर जा रहा था। रास्ते में जो मिला उस वाहन का भी उसने इस्तेमाल किया। लेकिन इतनी कोशिशों के बाद भी अपने घर जिंदा नहीं पहुंच सका। पुलिस ने गुरुवार को मामले की जानकारी दी है 22 साल का बालासुब्रह्मनी लोगेश तमिलनाडु के नामक्कल का रहने वाला था। वह देश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद वर्धा से 30 अन्य लोगों के साथ निकला था। तभी बुधवार को रास्ते में इन लोगों को पुलिस और रेवेन्यू अधिकारियों ने देख लिया। इन्हें लॉकडाउन के दौरान लगी पाबंदियों के बारे में बताया गया और एक शेल्टर होम में ले जाया गया।
इन्हें यहां खाना आदि दिया गया। बताया जा रहा है कि इसके बाद आधी रात को लोगेश बेसुध होकर गिर गया। जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस के मुताबिक, लोगेश और कुछ अन्य लोग किसी ट्रेनिंग कोर्स के लिए वर्धा गए थे। लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद इन्होंने तमिलनाडु जाने का सोचा। पुलिस अधिकारी ने कहा कि इतना स्पष्ट नहीं है कि ये लोग कितना पैदल चले। इन्होंने रास्ते में कुछ वाहनों का भी इस्तेमाल किया, जैसे ट्रक आदि। लोगेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि उसकी मौत अचानक कार्डियक अरेस्ट आने से हुई है। उसके शव को एंबुलेंस से उसके घर पहुंचा दिया गया है।