राजस्थान सरकार की पहल घर घर जा के दे रही जांच के लिए दस्तक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की निरोगी राजस्थान की सोच को साकार करने के लिए चिकित्सा विभाग जल्द ही घर-घर दस्तक देगा. इस दौरान न सिर्फ परिवार का ऑनलाइन हेल्थ सर्वे होगा, बल्कि हर सप्ताह कैम्प आयोजित कर इन परिवारों के हाई रिस्क श्रेणी के मैम्बर्स को चिकित्सकीय परामर्श भी दिया जाएगा. चिकित्सा विभाग ने अभियान के तहत फैमेली सर्वे के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है. जिलों में सीएमएचओ को पूरे अभियान के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है
निरोगी राजस्थान तो खुशहाल राजस्थान.जी हां कुछ ऐसी ही सोच के साथ सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार के एकसाल पूरा होने के उपलक्ष्य में निरोगी राजस्थान अभियान का आगाज किया. मंशा सिर्फ एक है कि बीमार होने पर तो लोगों के पुख्ता इलाज के बारे में हर कोई सोचता है, लेकिन यदि इस दिशा में काम किया जाए कि लोग बीमार ही न हो, तो काफी हद तक प्रदेश की जनता को राहत मिल सकती है. चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा के निर्देशन में अब इसी सोच को पूरा करने के लिए निरोगी राजस्थान अभियान को अब फील्ड में एक्जिक्यूट करने के लिए जोरशोर से तैयारियां शुरू हो गई है. एसीएस मेडिकल रोहित कुमार सिंह ने सभी सीएमएचओ को पत्र लिखा है. इसमें आशा सहयोगियों को सर्वे के लिए प्रशिक्षण देने के साथ ही पूरी कार्ययोजना के बारे में बताया गया है.
—निरोगी राजस्थान के लिए जल्द शुरू होगा फैमेली सर्वे
—आशा सहयोगियों की सहायता से “एप” में दर्ज होगी फैमेली की सूचना
—जिलों में 15 फरवरी तक आशा सहयोगियों को दिया जाएगा सर्वे का प्रशिक्षण
—फैमेली सर्वे में जिन सदस्यों की उम्र 30 से अधिक, उनसे भरवाया जाएगा CBAC फार्म
—इस फार्म में जिन लोगों का स्कोर चार या इससे अधिक होगा या फिर कैंसर, कुष्ठ, टीबी के लक्षण होंगे, उन्हें रखा जाएगा हाई रिस्क ग्रुप में
निरोगी राजस्थान अभियान को लेकर सीएम गहलोत कितने गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वे खुद अभियान की प्रोग्रेस की पल पल की मॉनिटरिंग कर रहे है. इसी कडी में कल सीएम गहलोत जिला कलक्टरों से रूबरू होंगे और उन्हें सरकार के अभियान के पीछे की मंशा से अवगत कराएंगे. ऐसे में उम्मीद ये ही है कि फील्ड अधिकारी भी सरकार की मंशा को समझेंगे और निशुल्क दवा-जांच योजना की तर्ज पर यह अभियान भी देशभर में एक अलग तरह की नजीर पेश करेगा.