मनरेगा में ग्राम प्रधान ने अधिकारियों की मिलीभगत से किया लाखों का घोटाला
खबर जनपद गोंडा से जहां मनरेगा में ग्राम प्रधान ने अधिकारियों की मिलीभगत से किया लाखों का घोटाला जहां एक तरफ सरकार मनरेगा को बढ़ावा देने के लिए काफी पैसा प्रधान के खाते में भेजती है वही गांव में गरीबों को आजीविका चलाने के लिए सरकार मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराती है गरीबों के लिए सरकार करोड़ों अरबों रुपए खर्च कर रही है वहीं सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना अब भ्रष्ट अधिकारियों एवं ग्राम प्रधान के जेब भरने का साधन बन गया है या पूरा मामला गोंडा जिले के पडरी कृपाल ब्लॉक के शंकर मलाली ग्राम सभा कहां है
जहां ग्राम बजट रेखा के खाते में आया पैसा ग्राम प्रधान व वहां के अधिकारी के मिलीभगत से स्क्रू ना जैसी महामारी में सारा पैसा बंदरबांट हो गया और काम के नाम पर सिर्फ कागजों में तालाब का निर्माण कर दिया और मनरेगा में मजदूरी दिखाकर लाखों रुपए बंदरबांट करके खा गए चौंकाने वाली बात यह है कि जिस जमीन पर कागजों पर तालाब बनाने का कार्य किया गया वह जमीन किसान के नाम से दर्ज है ग्रामीण द्वारा बताया गया किस ग्राम सभा में करीब आधे दर्जन से ऊपर तालाब हैं जिनका पैसा तो निकाल लिया गया कागजों पर तालाब की खुदाई भी करवा दिया गया पर तालाब का कहीं पता ही नहीं है
मनरेगा में कार्य कर रहे जिन मजदूरों के नाम से पैसा निकाला गया है उन मजदूरों को दूर-दूर तक इनका कोई भनक नहीं लग पाया इस संबंध में जब जिलाधिकारी गोंडा से बात की गई तो जिलाधिकारी गोंडा ने बताया पूरे मामले की जांच चल रही है अब सवाल उठता है कि शासन प्रशासन इतनी बड़ी लापरवाही कैसे कर सकता है ग्राम प्रधान और अधिकारी मिलकर गरीबों का पैसा कैसे खा सकते हैं अब देखना यह होगा कि शासन प्रशासन इस ग्राम प्रधान के खिलाफ क्या कार्यवाही करता है और गरीबों का पैसा पहुंचेगा या नहीं