‘परमज्ञानी शशि थरूर अपनी जानकारी दुरुस्त करे’
शशि थरूर ने एक ट्वीट के जरिए गंभीर आरोप लगाया कि चोरी की गईं भारत की सांस्कृतिक धरोहरों की विदेशों से वापसी को लेकर संस्कृति मंत्री महेश शर्मा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दोनों में से कोई एक तो जरूर ‘गुमराह’ कर रहे हैं. थरूर के इसी ट्वीट का जवाब देते हुए शर्मा ने लिखा, ‘परम ज्ञानी श्री शशि थरूर जी, कृपया ऐंटिक्विटीज (प्राचीन काल के अवशेषों) एवं आर्टिफैक्ट्स (कलाकृतियों) के बारे में अपनी जानकारी बढ़ा लें. ऐंटिक्विटीज उन वस्तुओं को कहा जाता है जो कम-से-कम 100 साल पुराने हों. ऐंटिक्विटीज ऐंड आर्ट ट्रेजर्स ऐक्ट, 1972 में आर्टिफैक्ट के लिए कोई समयसीमा सुनिश्चित नहीं की गई है.’ संस्कृति मंत्री ने दूसरे ट्वीट में बताया, ‘सभी आर्टिफैक्ट्स ऐंटिक्विटीज नहीं हो सकते, लेकिन सभी ऐंटिक्विटीज आर्टिफैक्ट्स हैं. भारत ने आजादी के बाद 40 ऐंटिक्विटीज वापस पाई हैं जिनमें 27 पिछले चार सालों में हासिल की हैं. अभी करीब 8 से 10 ऐंटिक्विटीज वापस मिलने वाली हैं.’
बुधवार को शशि थरूर ने संस्कृति मंत्री महेश शर्मा एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर साझा की थी। दोनों की तस्वीरों के नीचे उनके अपने बयान दिए गए हैं। शर्मा की तस्वीर के नीचे लिखा है, ‘2014-17 से बीच विदेशों से (सिर्फ) 27 ऐंटिक्विटीज प्राप्त हुई हैं.’ इसके नीचे लिखा है कि यह बयान महेश शर्मा ने मार्च 2018 में लोकसभा में दिया था. दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री की तस्वीर के नीचे लिखा है, ‘2016 में वॉशिंगटन डीसी… अमेरिका ने 200 ऐतिहासिक कलाकृतियां वापस कीं. मैं हमारे इतिहास के इन महत्वपूर्ण अवशेषों की भारत वापसी सुनिश्चित करने का निरंतर प्रयास कर रहा हूं.’ कहा गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने यह बयान जून 2018 में स्वराज्य (मैगजीन) को दिया.
थरूर अपनी ट्वीट में पूछते हैं, ‘मंत्री संसद को गुमराह कर रहे हैं या प्रधानमंत्री राष्ट्र को गुमराह कर रहे हैं?’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने 6 जून 2016 को कई ट्वीट्स किए थे. एक ट्वीट में लिखा है, ‘भारत के सांस्कृतिक धरोहर की वापसी: पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की अटॉर्नी जनरल के साथ मूर्तियों को वापस करने के लिए आयोजित समारोह में शिरकत की.’ इस ट्वीट में अमेरिकी अटॉर्नी जनरल और पुरानी मूर्तियों की दो तस्वीरें संलग्न हैं. एक अन्य ट्वीट में रवीश कुमार अमेरिकी अटॉर्नी जनरल का बयान साझा कर रहे हैं, जिसमें वह कहती हैं, ‘आज हमने चोरी की गईं 200 से ज्यादा सांस्कृतिक वस्तुएं भारत को वापस करनी के प्रक्रिया शुरू की है.’