महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच उद्धव ने पीएम को फोन कर मांगी मदद
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने नॉमिनेशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बुधवार को फोन पर बात की। उद्धव ने पीएम मोदी से मदद मांगते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है सूत्रों के हवाले कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह पूरे मामले को देखेंगे बताया जा रहा है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से विधान परिषद के लिए अपने मनोनयन को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिलने के बाद उद्धव ने पीएम को फोन करके उनसे राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि उन्हें मनोनीत किए जाने के प्रस्ताव पर राजनीति हो रही है उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली ती और उन्हें छह महीने के भीतर यानी 27 मई तक राज्य के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा।
कोरोना संकट के चलते राज्य में विधानसभा या विधान परिषद का उप-चुनाव अभी संभव नहीं है। ऐसे में राज्य मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि वह अपने कोटे से मुख्यमंत्री को विधान परिषद के लिए मनोनीत करें। राज्यपाल के पास विधान परिषद में दो सदस्यों करने को मनोनीत करने का अधिकार है। हालांकि, राज्यपाल ने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। अगर राज्यपाल एक महीने के भीतर ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत नहीं करते हैं, तो उनका मुख्यमंत्री बने रहना संभव नहीं होगा और इस्तीफा देना पड़ सकता है शिवसेना के नेता ने बताया कि जब उद्धव ठाकरे को यह संकेत मिला है कि मनोनयन पर कोई फैसला लेने से पहले कोश्यारी केंद्र से विचार-विमर्श करेंगे तो उन्होंने सीधे पीएम मोदी को फोन करने का फैसला किया। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से आग्रह किया कि राज्य की राजनीतिक स्थिति में हस्तक्षेप करें अन्यथा कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में राज्य की कोशिशें प्रभावित हो सकती हैं। गौरतलब हैं कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या सबसे अधिक है।