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ऑरेंज जोन में आकर लखनऊ का फूलबाग इलाका फिर से पहुंचा रेड जोन

14 दिन तक कोरोना का कोई मरीज न मिलने से जिस फूलबाग इलाके को रेड जोन से ऑरेंज जोन में डाला गया था, उसे फिर से रेड जोन में कर दिया गया है। बृहस्पतिवार को इस इलाके में एक महिला कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद ऐसा किया गया है। राजधानी में कोरोना मरीजों की तादाद बढ़ने के बीच एक राहत भरी खबर भी आई है। चार हॉटस्पॉट इलाकों में 14 दिन से से कोई भी नया केस नहीं आया है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन्हें ऑरेंज जोन में शामिल कर लिया गया है। राजधानी में कोरोना के हर दूसरे या तीसरे दिन नए हॉटस्पॉट बनाए जा रहे हैं। उन इलाकों में विशेष सख्ती बरती जा रही है। जिन इलाकों को हॉटस्पॉट इलाके में रखा गया था। उसमें से दो पहले ही ग्रीन जोन में आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि चार हॉटस्पॉट कोरोना के लिहाज से बेहद संवेदनशील थे। जहां पर तीन हफ्ते बीतने के बाद भी कोई भी नया केस सामने नहीं आया है।

तालकटोरा के पीर बक्का मस्जिद के आसपास का इलाका गत चार अप्रैल को सील किया गया था। यहां पर एक पॉजिटिव केस सामने आया था। सतर्कता व सख्ती से यहां पर 26 दिन बीतने के बाद भी कोई नया केस नहीं आया है। अफसरों का कहना है कि दो दिन बाद यह इलाका ग्रीन जोन में आ जाएगा। इसी तरह सआदतगंज मोहमदिया मस्जिद के पास चार केस पॉजिटिव आए थे।

सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल के मुताबिक, दो हॉटस्पॉट पहले ही ग्रीन जोन में आ गए थे। अभी दो दिन तक कोई भी केस न आने पर तीन से चार हॉटस्पॉट ग्रीन जोन में आ जाएंगे। कोरोना के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. केपी त्रिपाठी का कहना है कि अब एक केस आने के बाद भी हॉटस्पॉट बनाया जा रहा है। डालीगंज के पूर्व पार्षद कार्यालय के पास खुली एक दुकान पर हर रोज सैकड़ों लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं। पुलिस भी कोई सख्ती नहीं कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि हॉटस्पॉट इलाके में पुलिस से सख्ती करने के लिए पत्र भेजा जाएगा।

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