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मजदूरों के किराये को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन मजदूरों ने कहा दिया लेकिन। …

लॉकडाउन 3 की शुरुआत प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के साथ हुई. लंबे समय से की जा रही मांग को जब माना गया तो अपने घर से दूर फंसे लाखों मजदूरों को वापस जाना नसीब हुआ. लेकिन इस बीच किराये को लेकर बड़ा कन्फ्यूज़न पैदा हुआ, विपक्ष ने आरोप लगाया कि मुश्किल संकट में केंद्र सरकार मजदूरों से पैसा वसूल रही है तो सरकार ने कहा कि वह किसी से कोई पैसा नहीं ले रही है. लेकिन मजदूरों ने कुछ और ही सच्चाई बयान की.कांग्रेस की ओर से प्रवासी मजदूरों के मसले पर आक्रामक रुख अपनाया गया और सरकार पर आरोप लगाया गया कि केंद्र मजदूरों की घर वापसी के लिए ट्रेन टिकट का पैसा वसूल रहा है. कई राज्य सरकारों ने भी इसका विरोध किया.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऐलान किया कि प्रवासी मजदूरों की टिकट वापसी का खर्च कांग्रेस पार्टी उठाएगी, उन्होंने इसके लिए प्रदेश इकाइयों को निर्देश भी जारी कर दिया. जिसके बाद कांग्रेस का सरकार पर हमला करना और भी आक्रामक हुआ.कांग्रेस के द्वारा लगातार लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देने के लिए भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज मैदान में उतरे. कई प्रवक्ताओं ने कांग्रेस के दावे को झूठा करार दिया तो केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर कांग्रेस पर ही आरोप मढ़ दिया.

प्रकाश जावड़ेकर ने लिखा, मजदूरों से रेल किराये की सच्चाई सभी राज्य सरकारें मजदूरों के रेल के किराये का पैसा भर रही हैं. केवल महाराष्ट्र, केरल और राजस्थान सरकारें नहीं दे रहीं. वह किराया मजदूरों से ले रही हैं. बाकि सरकारें स्वयं दे रही हैं यह तीन राज्य की महाराष्ट्र, केरल और राजस्थान की सरकार मजदूरों से किराया ले रही हैं. इन राज्यों में सरकार शिवसेना गठबंधन, कम्युनिस्ट और कांग्रेस की है, यही चिल्ला रहे हैं. इसे कहते है ‘उल्टा चोर कोतवाल को डाटें

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