इस बार बड़े मंगल के भंडारे की पूड़ी,सब्जी पर लगा कोरोना का ग्रहण
हर साल जेठ के महीने का इंतज़ार लखनऊ वासियों को बड़ी बेसब्री से रहता है. बड़े मंगल का शुभ मुहूर्त इसी महीने में आता है. इस महीने पूरे लखनऊ में लोग सड़कों के किनारे, मंदिरों के सामने भंडारे का आयोजन करते रहे हैं. प्याऊ लगाए जाते रहे हैं. लोग भंडारे लगाकर अपनी मन्नत पूरी करते थे, लेकिन इस बार इसका सौभाग्य नहीं मिल पायेगा. क्योंकि कोरोना महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन में किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठानों को अनुमति नहीं दी गई. लिहाजा भंडारे में मिलने वाली पूड़ी-सबजो और छोले-चावल लोग जरूर मिस करेंगे.जेठ का महीना शुरू हो गया है. इस महीने में जितने भी मंगल पड़ते हैं उस दिन को बड़े मंगल के नाम से लखनऊ में जाना जाता है. लखनऊ के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर की महंथ देव्या गिरी ने बताया कि इस साल 12 मई को पहला बड़ा मंगल पड़ेगा. पूरे महीने में 12, 19, 26 मई और 2 जून को 4 बड़े मंगल पड़ेंगे. लेकिन इस साल लखनऊ की सड़कों पर मंगलवार को होने वाली गहमागहमी गायब रहेगी. अभी तक कि घोषणा के मुताबिक लॉक डाउन 17 मई तक है.
ऐसे में 12 मई को पड़ने वाला पहला बड़ा मंगल लॉकडाउन में ही पड़ेगा. इस मौके पर होने वाला धार्मिक अनुष्ठान नहीं हो पायेगा. 17 मई के बाद यदि लॉकडाउन खत्म भी हो जाता है तो भी भीड़भाड़ की तो इजाजत नहीं ही मिलेगी. ऐसे में किसी भी बड़े मंगल को कोई भी कार्यक्रम हो पायेगा, ऐसा संभव नहीं दिख रहा हैबड़े मंगल पर दो तरह से भंडारे का आयोजन किया जाता रहा है. एक तो वो जिनकी कोई मनोकामना पूर्ति की मन्नत हो और दूसरे वो जो जनसेवा में ऐसा करते थे. ऐसे लोग चंदा जमा करके भंडारे का आयोजन करते थे. मनोकामना पूरी होने के लिए बड़ी संख्या में लोग बड़े मंगल पर भंडारे लगाने के लिए मन्नत रखते हैं. इस साल बड़े मंगल पर भंडारे करने और प्याऊ लगाने की ऐसी मन्नतें अधूरी रह जाएंगी. कोरोना को लेकर तो लखनऊ में और भी सकती बनी हुई है.