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भड़काऊ भाषण देने के मामले में डॉ. कफील खान को नहीं मिली राहत

एएमयू में भड़काऊ भाषण देने वाले डॉ. कफील खान की मुश्किलें कम होने का काम नहीं ले रही है. डॉ. कफील खान पर लगी रासुका में गृह मंत्रालय ने तीन महीने की बढ़ोतरी की है. डॉ. कफील पर 13 फरवरी को एनएसए लगाई गई थी. वह वर्तमान में मथुरा जेल में बंद हैं. अलीगढ़ के डीएम चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि डॉ. कफील खान पर लगाई गई एनएसए में तीन महीने की बढ़ोतरी की गई है. गृह मंत्रालय से इस संबंध ने रेडियोग्राम आ गया है. 13 अगस्त तक कफील एनएसए में निरुद्ध रहेंगे दरअसल, एएमयू में सीएए विरोधी एक प्रदर्शन के दौरान पिछले साल 12 दिसंबर को कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के सिलसिले में डॉ. कफील के खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में मामला दर्ज किया गया था.इससे पहले यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने कफील खान को मुंबई एयरपोर्ट से 29 जनवरी को गिरफ्तार किया था.

बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के सिलसिले में मथुरा जिला कारागार में कैद डॉ. कफील खान की जमानत पर रिहाई से पहले ही उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगा दिया गया था.बता दें कि डॉक्टर कफील खान साल 2017 में तब चर्चा में आए थे जब गोरखपुर के राजकीय बीआरडी अस्पताल में दो दिन के अंदर 30 बच्चों की मौत हो गई थी. गौरतलब है कि डॉक्टर कफील खान को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया था. घटना के वक्त वह एईएस वार्ड के नोडल अधिकारी थे. बाद में शासन ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया था. वे लगभग 7 महीने तक जेल में बंद रहे. अप्रैल 2018 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. वहीं, डॉ. कफील ने अपने निलंबन को लेकर चल रही जांच को कोर्ट में चुनौती दी थी.

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