साउथ कोरिया के प्रेसीडेंट के यूपी आगमन पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के निर्देश
उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही संगीन घटनाओं ने पुलिस की चुनौती बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार व डीजीपी ओपी सिंह सहित शीर्ष अफसरों को तलब कर कानून-व्यवस्था पर सख्ती के कड़े निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने नोएडा में नौ जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और साउथ कोरिया के प्रेसीडेंट मून जाए-इन के आगमन पर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिये हैं। डीजीपी ओपी सिंह को शुक्रवार सुबह हाई कोर्ट ने भी तलब किया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार रात प्रमुख सचिव व डीजीपी को तलब कर बढ़ती घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जताई थी। शुक्रवार रात भी मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर आपराधिक घटनाओं में पूरी तत्परता व सख्ती से कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। दरअसल, लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों के उपद्रव के बाद उन्नाव में महिला से बदसलूकी का वीडियो वायरल होने पर कानून-व्यवस्था को लेकर बड़े सवाल खड़े हुए। कानपुर में थाने में दारोगा की हत्या, फीरोजाबाद में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारी संदीप शर्मा की हत्या, लखनऊ के 1090 चौराहे पर बालक की हत्या, अंबेडकरनगर में किराना व्यवसायी राकेश जायसवाल की हत्या में कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच हुई भिड़ंत जैसी घटनाओं ने पुलिस के सामने लगातार चुनौतियां खड़ी की हैं। इलाहाबाद में भी लगातार संगीन घटनाएं हो रही हैं। फीरोजाबाद पुलिस ने संदीप शर्मा हत्याकांड में एक आरोपित को पकड़कर मीडिया के सामने पेश किया तो उसने उल्टा पुलिस पर ही संगीन आरोप लगा दिए। आरोपित के बयानों का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस की खूब किरकिरी हुई। कई घटनाओं को लेकर डीजीपी मुख्यालय के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए जिले के कप्तानों को निर्देश देने पड़ रहे हैं। उन्नाव में महिला के साथ हुई घटना का वीडियो का वायरल होने के बाद भी ऐसा ही हुआ। माना जा रहा है कि जल्द कुछ जिलों के पुलिस अधिकारियों में फेरबदल भी हो सकते हैं।
एसएसपी लखनऊ ने रखा अपना पक्ष
एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार ने शुक्रवार को प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री एसपी गोयल से मुलाकात कर लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों के उपद्रव की घटना को लेकर अपना पक्ष रखा। उन्हें बताया कि लविवि प्रशासन की ओर से उनके कार्यालय में एक बार काल की गई थी। उनके सीयूजी नंबर पर कोई कॉल नहीं की गई। उन्हें पूरे घटनाक्रम की भी जानकारी दी।