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पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने किया खुलासा इंग्लैंड के खिलाड़ियों पर लगाया नस्लवाद का आरोप। ….

भारत के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने खुलासा किया है कि इंग्लैंड में लीग क्रिकेट खेलते हुए उन्हें नस्लवाद का शिकार होना पड़ा था. वेस्टइंडीज के हरफनमौला खिलाड़ी डैरेन सैमी ने जब से एक ऐसे शब्द पर अपनी नाराजगी जाहिर की तब से क्रिकेट में नस्लवाद को लेकर अब खुलासे हो रहे हैं. सैमी ने कहा कि खिलाड़ियों ने शब्द का इस्तेमाल उनके खिलाफ किया था जब वो सनराइजर्स हैदराबाद के लिए आईपीएल में खेल रहे थे. ऐसे में अब चोपड़ा ने भी कहा कि उन्हें पाकी कहा जाता था, एक शब्द जिसका मतलब है कि बस सामान्य धारणा वही बतादे की चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि, क्रिकेटर्स एक या दूसरे पर नस्लवाद के शिकार हुए हैं. मुझे याद है कि जब मैं इंग्लैंड में लीग क्रिकेट खेलता था, तब दो दक्षिण अफ्रीकी विपक्षी टीमों में थे और दोनों वास्तव में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने लगे.

जब मैं नॉन-स्ट्राइकर के अंत में था, तब भी वो मुझे लगातार पाकी कह रहे थे चोपड़ा, जिन्होंने 2003 और 2004 के बीच भारत के लिए 10 टेस्ट खेले, उन्होंने इस विषय पर कहा कि यह मामला भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में कितना गहरा है. पूर्व सलामी बल्लेबाज ने जोर देकर कहा कि यह ऐसा कुछ नहीं है जो उपमहाद्वीप के खिलाड़ियों के लिए विशिष्ट है और यहां तक ​​कि निष्पक्ष त्वचा वाले लोगों को भी नस्लीय बयानों से जूझना पड़ता है भले ही आप सफेद चमड़ी वाले हों, यह तब भी होता है. जब वे दुनिया के इस हिस्से में आते हैं, तो वे भी इस तरह के व्यवहार के अधीन होते हैं. वास्तव में, जब एंड्रयू साइमंड्स भारत आए, तो वानखेड़े स्टेडियम में कई लोग वानर की आवाजें भरने लगे. इसके बाद जब लोगों को बताया गया कि आपके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा तब जाकर वो चुप हुए.

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