दुखद: कोरोना संकट काल में अब कांवड़ यात्रा भी होगी स्थगित
कोरोना महामारी के चलते इस बार कांवड़ यात्रा स्थगित हो सकती है। पुलिस प्रशासन का दावा है कि मेरठ की कांवड़ समितियों ने यात्रा नहीं निकाले जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने इस संबंध में आला अधिकारियों को पत्र लिखा है।
मेरठ पुलिस प्रशासन ने इसकी रिपोर्ट सरकार और उत्तराखंड प्रशासन को भेजी है। वहीं उत्तराखंड प्रशासन यात्रा के फैसले पर आज यानी शनिवार को अंतिम निर्णय ले सकता है।
आशंका जताई जा रही है कि यात्रा के दौरान कोरोना तेजी से फैल सकता है। कांवड़ समितियों के पदाधिकारी हरिद्वार से कांवड़ नहीं लाने को लेकर गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं। वहीं जिम्मेदार लोग व धर्मगुरुओं ने भी पुलिस प्रशासन से यात्रा पर रोक लगाए जाने की अपील की है।
पुलिस का मानना है कि उत्तराखंड प्रशासन आज यानी शनिवार को अंतिम फैसला लेगा। हरिद्वार से कांवड़ लाने के लिए यूपी, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली समेत कई राज्यों से लोग जाते हैं। इसको देखते हुए सभी राज्यों से उत्तराखंड प्रशासन को रिपोर्ट भेजी है।
इसी के आधार पर फैसला होगा। वहीं यात्रा को लेकर उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल के अधिकारियों की डेढ़ माह पहले होने वाली बैठक अभी तक नहीं हुई है। कांवड़ यात्रा में बचा 15 दिन का समय
इस बार कांवड़ यात्रा पांच जुलाई से शुरू होनी है। 17 जुलाई को शिवरात्रि पर यह समाप्त होगी। यात्रा में हरिद्वार, ऋषिकेश, उत्तरकाशी, गंगोत्री और गोमुख से कांवड़िए गंगाजल लेकर अपने गंतव्य को जाते हैं।
इसमें उत्तराखंड, यूपी, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा के भक्त रहते हैं। यात्रा से पश्चिमी यूपी के जिलों में सबसे ज्यादा आवागमन प्रभावित होता है। 10 दिन पहले दिल्ली से हरिद्वार तक हाईवे वनवे कर दिया जाता है।
बाबा औघड़नाथ काली पल्टन मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित श्रीधर त्रिपाठी, विल्वेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी पंडित हरीश चंद्र जोशी, सिद्धपीठ संकटमोचन हनुमान मंदिर के महंत महेंद्र दास महाराज और छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश गोयल ने डीएम को पत्र भेजा। सभी ने डीएम अनिल ढींगरा से यात्रा को स्थगित किए जाने का अनुरोध किया।