“हम परमाणु युग में हैं और हम डंडे से मार कर रहे हैं: CM कैप्टन अमरिंदर सिंह
लद्दाख में LAC पर चीनी सैनिकों से हिंसक झड़क में भारतीय सेना के 20 के जवानों के शहीद होने से देश में गुस्सा है. वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र से अपील की है कि सीमाओं पर सैनिकों को अपने बचाव में फायरिंग करने और देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए अपनी नीति में बदलाव करें.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को यह बात लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद कही. उनकी यह टिप्पणी सोमवार की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में सेना के 20 जवानों की शहादत पर आई है. चीन के साथ यह पांच दशकों में सबसे बड़ा सैन्य टकराव है, जिससे दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया है.
बहरहाल, सैन्य सेवा से जुड़े रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फेसबुक लाइव में कहा कि भारत सरकार की नीति होनी चाहिए कि यदि अगर वे हमारे एक जवान को मारते हैं तो हम उनके पांच जवानों को मारेंगे.
चीन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के लिए फौजी शहादत देता है. उनके परिवारों से बात कर रहा हूं. शहीदों के परिवारों का मुआवजा भी हमने बढ़ाया है. जो भी फौजी देश के लिए शहीद होगा, उसके गांव में स्कूल का नाम उनके नाम से होगा.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि चीन के बॉर्डर पर फौजी के तौर पर मैं भी रहा हूं. चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. अब चीन के साथ सरहद पर बिना हथियार के फौज नहीं भेजनी चाहिए.
ऐसा फैसला बदलना चाहिए. हमारा एक फौजी शहीद होता तो उनके 5 फौजी मारो. मुझे उम्मीद है केंद्र मेरी बात सुनेगा. अगर चीनी फौज से हमारे फौजी को खतरा है तो उनको गोली मारने के हुक्म दें.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सैनिकों को निहत्थे भेजना या उन्हें अपना बचाव करने की अनुमति नहीं देना बिल्कुल गलत था. उन्होंने कहा, जब वह और उनके सेना के साथी दो साल के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी पोस्टिंग के दौरान गश्त पर जाते थे, तो वे सभी तरह के हथियार लेकर जाते थे.
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, “हम परमाणु युग में हैं और हम डंडे से मार कर रहे हैं.” पंजाब के चार जवानों सहित 20 भारतीय सैनिकों की शहादत पर मुख्यमंत्री ने क्षोभ जाहिर किया.
उन्होंने कहा कि चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. गलवान घाटी में चार पंजाबी सैनिकों की शहादत पर रोष जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, “सेना के जवानों के रूप में हम हमेशा गोली चलाने के लिए तैयार रहते हैं.”