सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तमिलनाडु सरकार को डीएमके की याचिका पर नोटिस जारी किया है। इस याचिका में 2017 के विश्वास मत के दौरान के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के खिलाफ मतदान करने वाले 11 एआइएडीएम के सांसदों को अयोग्य ठहराने की लंबित याचिका पर फैसला करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश देने की मांग की गई है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने मुख्य विपक्षी दल की याचिका पर ध्यान दिया और राज्य सरकार और विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल सहित अन्य अधिकारियों से जवाब मांगा। डीएमके ने वकील अमित आनंद तिवारी के माध्यम से दायर अपनी ताजा याचिका में विधानसभा अध्यक्ष को एक निर्देश देने की मांग की। साथ ही इसमें उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम सहित 11 सांसदों को पलानीस्वामी सरकार के खिलाफ मतदान करने के लि अयोग्यता कानून के तहत अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका फरवरी में खारिज कर दिया था
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने इसी मामले में डीएमके के एम चक्रपाणी की याचिका फरवरी में खारिज कर दिया था। जानकारी के अनुसार इस याचिका में भी 11 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी। डीएमके ने मांग की थी कि राज्य में 2017 में विश्वास मत में मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के खिलाफ मतदान करने वाले अन्नाद्रमुक (AIADMK) के 11 विधायकों को अयोग्य ठहराया जाए।
कोर्ट ने विधानसभा के स्पीकर पी. धनपाल को फटकार लगाई थी
सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान सुनवाई करते हए विधानसभा के स्पीकर पी. धनपाल को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने स्पीकर से सवाल किया था कि विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर तीन सालों में कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। इससे पहले इससे प कोर्ट से मामले में जल्द से जल्द सुनवाई के लिए अनुरोध किया गया था। कोर्ट ने कहा था कि तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के बारे में वो विचार करेगी।