अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा चीन के बहकावे में आ रहा नेपाल
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है. इस पूरे मामले को लेकर मंगलवार को साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के उस बयान पर कड़ा विरोध जताया है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है अयोध्या भारत में ही है और उत्तर प्रदेश में है. इसको लेकर हमारे पास प्रमाण भी मौजूद हैं.
उन्होंने आरोप लगाया है कि नेपाल चीन के हाथों में खेल रहा है और भारत के खिलाफ गलत बयान बाजी कर रहा है. महंत नरेंद्र गिरी ने नेपाल के प्रधानमंत्री को मानसिक रूप से बीमार बताते हुए कहा है नेपाल के नागरिकों का यह दुर्भाग्य है कि उन्हें ऐसा प्रधानमंत्री मिला है.
राजनीतिक दलों के नेताओं से की अपील
आज पूरा देश नेपाल के प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य का विरोध कर रहा है. नेपाल के प्रधानमंत्री अपने देश को विनाश की तरफ ले जा रहे हैं. भारत और नेपाल मित्र राष्ट्र हैं लेकिन नेपाल के प्रधानमंत्री चीन के बहकावे में आकर लगातार संबंध खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने देश के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अपील की है कि वह एकजुट होकर नेपाल के प्रधानमंत्री के इस बयान का कड़ा विरोध करें और उन्हें अपने इस गलत बयान पर देश से माफी मांगने के लिए भी मजबूर करें.
गिरी ने पीएम मोदी से भी यह मांग की है कि नेपाल के प्रधानमंत्री के इस बयान का कड़ा विरोध करें ताकि नेपाल के प्रधानमंत्री देश से माफी मांगने को मजबूर हो. महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि नेपाल के प्रधानमंत्री मानसिक रूप से बीमार हो चुके हैं.
इसलिए उन्हें प्रधानमंत्री पद पर बने रहने का भी कोई अधिकार नहीं है. नेपाल के नागरिकों को चाहिए कि वे उन्हें तत्काल प्रधानमंत्री का पद छोड़ने के लिए बाध्य करें. नरेंद्र गिरी ने कहा है जल्द ही अखाड़ा परिषद की होने वाली बैठक में भी इस मुद्दे पर साधु संत चर्चा करेंगे और अपना कड़ा विरोध भी दर्ज कराएंगे.
दरअसल, विवादित नक़्शे में भारत की जमीन को अपना बता चुके प्रधानमंत्री ओली ने भगवान राम और उनकी जन्मभूमि पर अपना दावा जताया है. उन्होंने कहा है कि भारत की अयोध्या नकली है और असली अयोध्या नेपाल में है. साथ ही भगवान राम को नेपाली कहा है.