स्कूल की दरिंदगीः छात्राओं को बंधक बनाने का मुद्दा गरमाया, हंगामे के बीच पहुंचे केजरीवाल
फीस जमा न कराने पर बल्लीमारान के राबिया गर्ल्स पब्लिक स्कूल में 16 बच्चियों को बेसमेंट में छह घंटे तक बंधक बनाने का मामला तूल पकड़ रहा है। गुरुवार सुबह जहां अभिभावक प्रदर्शन कर रहे हैं, वही दिल्ली सीएम केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया मौके पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बातचीत के दौरान ठोस कार्रवाई का भी आश्वासन दिया। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने बच्चियों से भी बातचीत भी की, वहीं मनीष सिसोदिया ने भी बच्चियों से मुलाकात पूरी जानकारी ली।
इससे पहले बुधवार को भी गुस्साये परिजनों ने स्कूल के बाहर जमकर प्रदर्शन और हंगामा किया। उन्होंने मौके पर पहुंची पुलिस व शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई की मांग की। परिजनों ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नाम लिखे शिकायती पत्र को एसडीएम को सौंपा था। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर काफी संख्या में पुलिस के जवानों की तैनाती की गई थी। प्रदर्शन के दौरान परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर मनमाने तरीके से फीस वसूलने का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया कि अगर फीस जमा करने में एक-दो दिन की भी देरी हो जाए तो स्कूल प्रबंधन बच्चियों पर दबाव बनाता है, लेकिन ऐसा अब नहीं चलेगा। एक छात्रा की मां ने कहा कि स्कूल में करीब दो हजार बच्चे हैं और फीस भी तीन हजार रुपये प्रति माह ली जा रही है। इसके बाद भी स्कूल द्वारा कई तरह के अतिरिक्त चार्ज लगाकर रुपयों की मांग की जाती है।
एक छात्रा के पिता रहमान अली ने दुखी मन से बताया कि स्कूल में बंधक बनाने की घटना के बाद से हम बच्चियों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं। पता नहीं स्कूल प्रबंधन आगे भी इस तरह की कोई हरकत कर बैठे। वहीं, स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर रहीं तबस्सुम ने बताया कि स्कूल के रवैये से हमारी बच्चियों को शर्मिंदगी ङोलनी पड़ी, जिससे उनके मानसिक विकास में फर्क पड़ सकता है। ऐसे में बच्चियां कुछ भी गलत कदम उठा सकती हैं, जिसका जिम्मेदार कौन होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल मान्यता प्राप्त नहीं है। एक छात्रा के पिता सैयद वकार अली ने मांग की कि स्कूल में हुई घटना पर सरकार सख्त कदम उठाए, जिससे स्कूल की गुंडागर्दी पर लगाम लग सके। एक अन्य छात्र के पिता वसीम ने आरोप लगाया कि गर्मियों की छुट्टी के दौरान भी स्कूल प्रशासन फीस वसूल रहा है।
छात्राओं को बंधक बनाए जाने के मामले में पुलिस ने अबतक स्कूल मालिक, प्रबंधक व 12 शिक्षकों से पूछताछ की है। वहीं, स्कूल से घटना की सीसीटीवी फुटेज मांगी गई है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले की जांच जारी है। दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
स्कूल की बच्चियों को बंधक बनाने के मुद्दे पर स्कूल की प्रिंसिपल नाहिद उस्मानी का कहना है कि मई और जून की फीस नहीं देने के चलते बच्चियों को एक्टिविटी रूम में बैठाया गया था। इस रूम में ही सभी बच्चियों को छुट्टी के समय एकत्रित किया जाता है। बच्चियों को यहां बैठाने का उद्देश्य यह था कि उन्हें लेने आने वाले अभिभावकों से मुलाकात हो सके। प्रिंसिपल ने बच्चियों को कैद किए जाने के आरोपों को गलत बताया।
उन्होंने कहा कि उनके पास सीसीटीवी फुटेज है, जो दर्शाती है कि बच्चियों के साथ आया थीं और उन्हें लंच कराने के साथ ही उनकी उचित देखभाल की जा रही थी। स्कूल प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष एबी खान का कहना है कि यह छोटी सी घटना थी, जिसे तूल दिया जा रहा है। बच्चियों को एक्टिविटी रूम में सुबह 11 बजे से 2 बजे तक बैठाया गया था। दो बजे स्कूल की छुट्टी हुई तो बच्चियों के अभिभावक उन्हें लेने आए। उस समय कुछ बच्चियां रोने लगीं, जिसके बाद अभिभावकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
बच्चियों को एक्टिविटी रूम में बैठाया गया थाः प्रिंसिपल
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने राबिया गल्र्स पब्लिक स्कूल को लेकर आईं खबरों को संज्ञान में लेते हुए दिल्ली पुलिस और शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया है। इसमें मध्य जिला के उप शिक्षा निदेशक और हौज काजी थाना एसएचओ से घटना से संबंधित सारे तथ्य मांगे गए हैं। साथ ही कार्रवाई की जानकारी भी मांगी है। आयोग ने 17 जुलाई तक नोटिस का जवाब देने को कहा है। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी मामले की जांच कर रहा है।
डीसीडब्ल्यू ने शिक्षा विभाग व दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस
पुरानी दिल्ली स्थित राबिया गल्र्स पब्लिक स्कूल को दिल्ली सरकार ने नोटिस भेजा है। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी कर स्कूल से जवाब मांगा है। स्कूल के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गई है। सिसोदिया का कहना है कि यह गंभीर घटना है कि भला कैसे कोई स्कूल इस तरह बच्चियों को बंधक बना सकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक की बुधवार को बैठक बुलाई गई थी, जिसमें उनसे मामले में जरूरी कदम उठाने के लिए कहा गया।
वहीं, घटना का भाजपा ने विरोध किया है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बुधवार को स्कूल पहुंचकर पीड़ित बच्चियों के अभिभावकों से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। इसकी निष्पक्ष जांचकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी में बच्चियों को कैद करना व मिड-डे मील से बच्चों के बीमार होने की घटनाएं यहां की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती हैं। राबिया गर्ल्स पब्लिक स्कूल से कुछ ही दूरी पर दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन का निवास व कार्यालय स्थित है। इसलिए उनके संज्ञान में भी यह घटना आई होगी। लोग जानना चाहते हैं कि मीडिया में यह मामला आने से पहले उन्होंने क्या कदम उठाया था? मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शिक्षा में सुधार के बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन हकीकत सबके सामने है। स्कूलों में बच्चे असुरक्षित हैं। बच्चे स्कूलों में सुरक्षित रहें, इसके लिए सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए। उनके साथ चांदनी चौक के भाजपा जिला अध्यक्ष अरविंद गर्ग एवं अन्य नेता भी मौजूद थे।
राबिया गर्ल्स पब्लिक स्कूल का फीस को लेकर छात्राओं को बंधक बनाने से उपजा विवाद कोई पहला मामला नहीं है। स्कूल प्रशासन से जुड़े लोगों के मुताबिक, हर माह की 10 तारीख को स्कूल के बाहर-भीतर कमोबेश यही नजारा होता है, जिसे इस बार बच्चों को बंधक बनाने का आरोप लगाकर तूल दे दिया गया। असल में स्कूल की फीस बैंक में जमा होती है। बैंक में जमा फीस की रसीद अभिभावकों को 10 तारीख को स्कूल में जमा करनी होती है। इसके लिए कक्षा के अध्यापक अभिभावकों से रसीद लेकर उनके साथ क्रमवार तरीके से बच्चियों को भेजते हैं। वहीं अन्य सूत्रों के मुताबिक, जिन प्री-प्राइमरी की छात्रओं को रोका गया था, उनपर दो माह की फीस बकाया थी।