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विकास दुबे का एनकाउंटर फर्जी नहीं : योगी सरकार

उत्तर प्रदेश के कानपुर में अपराधी विकास दुबे एनकाउंटर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ घनश्याम उपाध्याय व अनूप प्रकाश अवस्थी की याचिका पर सुनवाई कर रही है.

याचिका में विकास एनकाउंटर की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई है. इस पर यूपी सरकार की तरफ से शुक्रवार को हलफनामा दाखिल कर कहा गया कि दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का

एनकाउंटर फर्जी नहीं है पुलिस ने एनकाउंटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया है. मामले में अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी.

दरअसल, कोर्ट ने पिछली तारीख पर संकेत दिया था कि वह हैदराबाद एनकाउंटर की तरह इस मामले में भी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित कर सकता है. अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा है

कि हैदराबाद एनकाउंटर के आरोपियों की आपराधिक पृष्टभूमि नहीं थी, जबकि विकास पर 64 मुकदमे दर्ज थे. उसका पुलिस पर कई बार फायरिंग करने का इतिहास रहा है.

इस दौरान योगी सरकार ने बताया कि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज शशिकांत अग्रवाल की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन किया गया है.

आयोग 2 जुलाई को 8 पुलिसकमिर्यों की हत्या मामले से लेकर विकास और उसके गुर्गों के एनकाउंटर की जांच करेगा.

आयोग को दो महीने में रिपोर्ट देनी है. इसके अलावा विकास और उसके गुर्गों की नेताओं व अन्य सफेदपोश लोगों से सांठगांठ को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय एसआईटी भी गठित की गई है.

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