मस्जिद की जमीन पर भी हो अस्पताल और स्कूल का शिलान्यास : इकबाल अंसारी
दशकों के लंबे इन्तजार के बाद 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन कर सकते हैं.
इसी कड़ी में रविवार को बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे मोहम्मद इकबाल अंसारी ने पीएम नरेंद्र मोदी के आने की खबर पर खुशी जताई है.
पीएम मोदी के अयोध्या दौरे से पहले इकबाल अंसारी ने प्रधानमंत्री से अपील की हैं. इकबाल अंसारी ने कहा कि मस्जिद की जमीन पर हो अस्पताल और स्कूल का शिलान्यास हो, ऐसी मेरी मांग है. क्योंकि इससे अयोध्या के लोगों को शिक्षा और रोजगार दोनों मिलेगा.
उन्होंने स्वागत करने की इच्छा जताते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण में मैं अयोध्या की जनता और संतों के साथ हूं. क्योंकि 70 साल का विवाद अब खत्म हो चुका है.
अंसारी ने कहा कि पीएम मोदी के अयोध्या दौरे की खबर से राम की नगरी में खुशी का माहौल है. बता दें कि ऐसा पहली बार होगा जब प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी अयोध्या पहुंचेंगे.
कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री करीब तीन घंटे अयोध्या में गुजारेंगे इसके साथ ही वे पहली बार रामलला का भी दर्शन करेंगे.
हालांकि कोरोना संकट की वजह से प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर तैयारियों के लिए जिला प्रशासन के पास वक्त भी बहुत कम है. जैसे ही पीएमओ की तरफ से कार्यक्रम आएगा, सभी तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी.
सुबह आठ बजे से शुरू होगा कार्यक्रम
सूत्रों से मिल रही खबर के मुताबिक श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से भेजी गई दो तारीखों 3 और 5 अगस्त में से पीएम कार्यालय ने एक तय कर दी है.
ताजा जानकारी के मुताबिक 5 अगस्त को पीएम मोदी अयोध्या में शिलान्यास कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. ट्रस्ट की तरफ से मिल रही जानकारी के मुताबिक भूमि पूजन का कार्यक्रम सुबह आठ बजे से होगा. प्रधानमंत्री 11 बजे से एक बजे तक इस कार्यक्रम में शामिल करेंगे.
300 लोगों को निमंत्रण भेजने की तैयारी
वैसे तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी और राम मंदिर से जुड़े आरएसएस व विहिप शिलान्यास के कार्यक्रम को भव्य तरीके से मनाने की तैयारी में थी. लेकिन कोरोना संकट की वजह से इस पर ग्रहण लगा है.
ट्रस्ट के सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक करीब 300 लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा जा सकता है.
गृह मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई कैबिनेट मंत्री, कई राज्यों के राज्यपाल व राम मंदिर आन्दोलन से जुड़े बीजेपी व आरएसएस के कार्यकर्ता शामिल हो सकते हैं.